एक ओर जहां राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भाजपा विधायक दल के सचेतक राजेन्द्र सिंह राठौड़ से कहना है कि आपकी सात पीढिय़ां भी मुझ पर करप्शन के आरोप नहीं लगा सकतीं, वहीं राठौड़ एवं डीग कुम्हेर विधायक डॉ. दिगम्बर सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के जो मीडिया में आरोप लगे हैं, मुख्यमंत्री की सात पीढिय़ां भी उन्हें नहीं धो पायेंगी, नूरा कुश्ता सा लगता है। इस प्रकार का जबानी जमा खर्च पिछले साढ़े चार साल से चल रहा है। न तो अशोक गहलोत पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा पर लगाए गए आरोप साबित कर पाए हैं और न ही भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पर लगाए गए आरोप साबित हो पाए हैं।
श्रीमती वसुन्धरा राजे ने तो एक बार फिर अपने निवास पर राजस्थान ब्राह्मण महासभा की ओर से किए गए स्वागत समारोह में कहा कि उनके खिलाफ मुख्यमंत्री ने कमीशन बैठा दिये, साढ़े चार साल तक खूब फाइलें खंगाली, हर दिन आरोप लगाये, लेकिन साढ़े चार सालों में एक भी आरोप सिद्ध नहीं कर पाये। हरियाणा और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्रियों का उदाहरण दिया। मैं ताल ठोक कर कह रही हूं, मुख्यमंत्री जो करना है करें, मैं डरने वाली नहीं हूं। मुख्यमंत्री उसका कोई जवाब नहीं दे पाए हैं, फिर भी हर बार पहले वाली बात दोहराते रहते हैं। भाजपा की छोडिय़े, अब तो कांग्रेसियों के कान भी यह सुनते-सुनते पक गए हैं। आम जनता भी आजिज आ चुकी है। उसके बाद भी जब वे आपस में एक-दूसरे पर गुर्राते हैं यही लगता है सात पीढिय़ों वाली बात बिलकुल सही है। जो दोनों पक्ष अपने जीते जी चार साल में नहीं कर पाए, भला उनकी सात पीढिय़ां कैसे कर पाएंगी।