राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि इस बार पूर्व विधायक हाजी कयूम खान ने मसूदा से कांग्रेस लाने का पूरा जुगाड़ कर लिया है। यानि कि उन्हें तो पूरा भरोसा है कि वे इस बार चूकने वाले हैं। राजनीति के जानकारी भी मानते हैं कि इस बार कयूम टिकट ले ही आएंगे, मगर ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस जिले की आठ सीटों में से एक साथ दो सीटों पर मुस्लिम को टिकट देने का निर्णय कर पाएगी? यूं नसीम चूंकि सिटिंग एमएलए हैं और राज्य मंत्री के साथ महिला भी हैं, इस कारण उनका टिकट कटना कोई हंसी-खेल नहीं है, मगर बताया जाता है कि जमीन पर उनका विरोध भी कम नहीं है। उनकी समाज के लोग ही अंदर ही अंदर उनका विरोध कर रहे हैं। ये वे ही लोग हैं, या तो जिन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को रोजा अफ्तार पार्टी में आने से रोकने की कोशिश की या फिर एक हत्याकांड में आरोपियों को सरंक्षण देने की अफवाह फैलाई। खैर, चुनाव अभी दूर हैं, मगर चर्चाओं को भला कौन रोक सकता है।
