कवरेज के नाम पर हवाई यात्रा और हवाखोरी कर रहे हैं पत्रकार!

journalist logoटीवी के उन पत्रकारों को समझना चाहिए जो उत्तराखंड की इस तबाही को अपने चैनल के लिए कवर कर रहे हैं, यह वक्त हेलीकाप्टर में खबर के नाम पर हवाई यात्रा या हवाखोरी का नहीं है. वास्तव में खबरिया चैनल के रिपोर्टर खबर के नाम जिस तरह के बाईट कलेक्ट कर रहे हैं, वह तो वे पीड़ितों के आने के बाद भी कर सकते हैं। इसके लिए हेलीकाप्टर में एक पीड़ित की जगह घेरने की क्या जरूरत है? इस वक्त एक व्यक्ति की जगह घेरने का अर्थ है, एक व्यक्ति की जान दांव पर लगाना।

यदि चैनल को खबर अधिक जरूरी लगती है तो अपने खर्चे पर चौपर बुक करे और अपने रिपोर्टर को अपने खर्चे पर भेजे। पीड़ितों की जगह घेर कर बैठे रिपोर्टर, पीड़ितों का कितना भला कर रहे हैं, यह टीवी खबरिया चैनल देख रहे लोग समझ ही रहे हैं। (क्या किसी टीवी चैनल ने अभी तक हेलीकॉप्टर बुक करके अपने रिपोर्टर को भेजा है, उत्तराखंड त्रासदी कवर करने के लिए).

युवा पत्रकार आशीष कुमार अंशु के एफबी वॉल से साभार.

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