
पिछले कुछ दिनों में पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल की कांग्रेस की मुख्य धारा में सक्रियता के चलते चर्चा है कि अजमेर के सांसद व केन्द्रीय कंपनी मामलात राज्य मंत्री सचिन पायलट और जयपाल के बीच पैक्ट हो गया है। गत दिवस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभा को कामयाब बनाने को भी इससे जोड़ कर देखा जा रहा है। हालांकि अभी ये पता नहीं लग पा रहा है कि इस पैक्ट के तहत तय क्या हुआ है, मगर सूचना ये है कि इसमें सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. रघु शर्मा ने भूमिका अदा की है?
समझा जाता है कि पायलट को जयपाल की ताकत समझ में आ गई है और वे जान गए हैं कि जयपाल को साथ लिए बिना शहर में कांग्रेस को मजबूत नहीं किया जा सकता। जयपाल ने इसका सबूत गहलोत की सभा को कामयाब बना कर दे ही दिया है। अगर पैक्ट की चर्चा सही है तो इसका मतलब ये है कि इसका नुकसान शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता को हो न हो, पूर्व उप मंत्री ललित भाटी को जरूर होगा। कहने की जरूरत नहीं है कि जयपाल व भाटी के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। भाटी की वजह से ही पिछले चुनाव में जयपाल को हार का सामना करना पड़ा था। भाटी की ताकत को देखते हुए ही पायलट ने अपने चुनाव में उन्हें फिर से कांग्रेस में शामिल करवाया था। माना यही जा रहा था कि इसकी एवज में भाटी को कोई इनाम मिलेगा। अब अगर पायलट के नजदीक जयपाल आएंगे तो भाटी के साथ तो बड़ा धोखा हो जाएगा।

कुल मिला कर आने वाले दिनों में अजमेर की कांग्रेस में कुछ नए समीकरणों का आगाज हो गया है। जहां तक पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती का सवाल है, उनके बारे में यही जानकारी है कि उनकी व पायलट के बीच सुलह फिलवक्त तो नहीं हुई है। कदाचित इसकी एक प्रमुख वजह ये है कि वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खासमखास हैं और रहेंगे भी। गहलोत से करीबी के चलते उन्हें पाला बदलने की जरूरत है भी नहीं।