जेटली की जिद ने रोकी जेठमलानी की वापसी

ram jethmalaniवरिष्ठ वकील राम जेठमलानी की भाजपा में वापसी की राह गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर पद्रेश के प्रभारी अमित शाह के कोशिशों के बाद भी अधर में लटकी हुई हैं। पार्टी सूत्रों के हवाले से खबर है कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली की जिद राम जेठमलानी की भाजपा में वापसी में सबसे बड़ा रोड़ा बनी हुई हैं। विश्वस्त सूत्रों के हवाले से खबर है कि मोदी के करीबी माने जाने वाले अरूण जेटली ने मोदी के फोन करने के बाद भी फिलहाल जेठमलानी के वापसी पर अपनी सहमति नही दी हैं। अरूण जेटली के अलावा नितिन गड़करी, सुषमा स्वराज भी जेठमलानी के वापसी के पक्ष में नही है।

क्यो चाहते है मोदी जेठमलानी की वापसी?
नरेंन्द्र मोदी के करीबी अमित शाह के खिलाफ चल रही सीबीआई जांच के खिलाफ राम जेठमलानी सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहें हैं। फर्जी एनंकाउटर मामले में जेल में बंद रहे अमित शाह को जमानत दिलवाने में जेठमलानी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ऐसा माना जाता है कि मोदी और शाह को कानूनी सहायता प्रदान करने और सीबीआई शिकजें से बचाने के एवज में मोदी ने जेठमलानी को राज्यसभा में भेजा था। अब वंजारा की चिठठी और सीबीआई द्वारा अमित शाह को पूछताछ के लिए बुलाने और सीबीआई जाच का दायरा बढ़ने से चितिंत मोदी और अमित शाह अब जेठमलानी की भाजपा में जल्द वापसी चाहते है।

क्यो नही चाहते जेटली जेठमलानी की वापसी?
अरूण जेटली और राम जेठमलानी के बीच दुश्मनीं अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार से शुरू हुई थी। वाजपेयी सरकार में कानून मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे जेठमलानी तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ए एस आंनद और अटार्नी जनरल सोली सोराबजी के साथ विवादो में उलझ गए थें। जेटली के जेठमलानी के कार्यशैली पर उंगली उठाने के बाद वाजपेयी ने जेठमलानी से इस्तीफा ले लिया था और वाणिज्य मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे जेटली को कानून विभाग का अतिरिक्त प्रभार दे दिया था और कुछ ही दिनो बाद जेटली को पदोन्नत कर कानून मंत्रालय का कैबिनेट मंत्री बना दिया गया, जेठमलानी ने इसे कानून मंत्रालय हथियाने की जेटली की चाल के रूप में देखा और तब से दोनो के सम्बंधो में कटुता चरम पर है। यही नही सीबीआई प्रमुख रंजीत सिन्हा की नियुक्ति का जहा अरूण जेटली ने विरोध किया था वही राम जेठमलानी ने रंजीत सिन्हा के चुनाव और निष्पक्ष प्रक्रिया के लिए मनमोहन की सराहना की थी और जेटली पर सिन्हा को बदनाम करने का आरोप लगाया था। http://visfot.com

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