सचिन अब कभी क्रिकेट नहीं खेलेंगे, भारत ने ‘सच’ की विजयी विदाई

sachin tendulkarमुंबई। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर आखिर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को टीम इंडिया ने वो विदाई दे दी जिसका शायद उन्होंने कभी सपना देखा होगा। टीम इंडिया ने मुंबई टेस्ट में वेस्टइंडीज को पारी और 126 रन से हराकर सीरीज को 2-0 से अपने कब्जे में कर लिया। इसके साथ ही ‘क्रिकेट के भगवान’ मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट के मैदान को सदा के लिए अलविदा कह दिया। यह भारतीय टीम की लगातार छठी टेस्ट जीत थी।

दूसरी पारी में जवाब में उतरे कैरेबियाई टीम के बल्लेबाज दूसरे दिन के अंत में शुरू से ही लड़खड़ाते दिखे और आते ही विकेटों की झड़ी लगना शुरू हो गई। पहले 15 रन के कुल स्कोर पर अश्रि्वन ने पॉवेल (9) को आउट किया। इसके बाद नाइटवॉचमैन की भूमिका निभाने पिच पर उतरे टीनो बेस्ट (9) को ओझा ने अपना शिकार बनाया और एलबीडब्ल्यू करते हुए पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। वहीं, दिन खत्म होते-होते कैरेबियाई टीम के इन फॉर्म बल्लेबाज डेरेन ब्रावो (11) भी अश्रि्वन की गेंद पर विजय के हाथों कैच होकर पवेलियन लौट गए और वेस्टइंडीज को तीसरा झटका लगा। इसके बाद आज मैच के तीसरे दिन सुबह-सुबह ओझा ने मार्लन सैमुअल्स (11) को धौनी के हाथों स्टंप करा दिया व इसके बाद ओझा ने ही धौनी के हाथों क्रिस गेल (35) को भी कैच कराते हुए वेस्टइंडीज को पांचवां झटका दे दिया। ओझा का कहर यहीं नहीं थमा, उन्होंने इस पारी में अपना चौथा विकेट झटकते हुए नरसिंह देवनारायण (0) के रूप में वेस्टइंडीज को छठा झटका भी दे दिया। इसके बाद अगला विकेट फिरकी के दूसरे उस्ताद अश्विन को मिला जिन्होंने अपना 150वां टेस्ट खेल रहे वेस्टइंडीज के सबसे अनुभवी बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपॉल (41) को एलबीडब्ल्यू करके मेहमान टीम को सातवां झटका दिया। फिर सैमी (1) के रूप में ओझा ने आठवां झटका दिया और शिलिंगफोर्ड (8) के रूप में अश्विन ने नौवां झटका दिया। आखिरी विकेट मोहम्मद शामी के हाथों में आया जिन्होंने गैब्रियाल (0) को आउट करके भारत को जीत हासिल कराई। दूसरी पारी में ओझा ने 5 व अश्विन ने भी उतने ही विकेट लिए। इस मैच में ओझा के नाम 10 विकेट व अश्विन के नाम 7 विकेट दर्ज हुए।

इससे पहले शुक्रवार को दूसरे दिन की शुरुआत पूरी तरह से सचिनमय रही थी। 38 के निजी स्कोर पर पहले दिन नाबाद रहने वाले सचिन ने दूसरे दिन की सुबह अपना पचासा पूरा करके फैंस को झूमने का मौका दिया। उन्होंने 91 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया और इस दौरान 9 चौके लगाए। यह सचिन के टेस्ट करियर का 68वां अर्धशतक रहा, हालांकि वह अपनी पारी को 74 रन से आगे नहीं ले जा सके। सचिन ने 118 गेंदें खेलीं और इस दौरान 12 चौके लगाए।

पहले दिन दूसरे सत्र में ही वेस्टइंडीज की पारी समेटने के बाद भारतीय टीम ने सधी हुई शुरुआत की थी और पहले विकेट की साझेदारी में शिखर धवन (33) और मुरली विजय (43) ने 77 रन बनाए। धवन को शिलिंगफोर्ड ने चंद्रपॉल के हाथों आउट कराया। धवन ने 28 गेंदों का सामना करते हुए सात चौके लगाए। धवन के बाद विजय भी उसी ओवर में डेरेन सैमी को कैच थमा बैठे। विजय ने 55 गेंदों में आठ चौके लगाए।

दूसरे दिन सचिन की 74 व विराट कोहली के 57 रनों की पारी के बाद चेतेश्वर पुजारा ने अपने करियर का पांचवां टेस्ट शतक लगाया, वो 113 की शानदार पारी के बाद शिलिंगफोर्ड का शिकार बने, जबकि धौनी महज 4 रन बनाकर बेस्ट की गेंद पर स्लिप में कैच हो गए। इसके बाद रविचंद्रन अश्रि्वन (30) ग्रेब्रियाल का शिकार बने, फिर भुवनेश्वर कुमार (4) के रूप में 8वां झटका लगा और ओझा (0) के रूप में नौवां झटका लगा, लेकिन अंत होते-होते रोहित शर्मा ने भी कमाल दिखा दिया। पहले टेस्ट में अपने टेस्ट करियर का आगाज शतक के साथ करने वाले रोहित ने दूसरे टेस्ट में भी जानदार शतक जड़ डाला। उन्होंने नाबाद 111 रनों की पारी खेली। रोहित का यह लगातार दूसरा शतक रहा। अजहरुद्दीन और गांगुली के बाद वो लगातार दो टेस्ट शतक लगाने वाले तीसरे खिलाड़ी बन गए हैं। जिसके दम पर मुंबई टेस्ट में भारत 313 रनों की बड़ी बढ़त हासिल करने में सफल रहा।

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