नई दिल्ली। हालिया विधानसभा चुनावों में चारों खाने चित होने के बाद कांग्रेस में बड़े बदलावों की बुनियाद तैयार होने लगी है। भाजपा के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से मुकाबले के लिए आम चुनावों से पहले संगठन से सरकार के स्तर पर नई रणनीति बनाई जा रही है। इसके लिए 17 जनवरी को कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक बुलाने की तैयारी भी जारी है। माना जा रहा है कि इस दौरान कुछ बदलावों के साथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अब पूरी तरह से खुलकर फ्रंटफुट पर आ जाएंगे। पार्टी के युवा खेमे ने उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने का राग भी तेज कर दिया है।
इस बीच आज कांग्रेस संसदीय दल की बुलाई गई बैठक भी खत्म हो गई है, जिसमें अगले बीस सालों का एजेंडा तय कर लिया गया है। संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अभी भी कई समस्याएं बरकरार हैं, जिन्हें निपटाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पूरे नहीं होने वाले वादे नहीं किए जाने चाहिए। बैठक के दौरान सरकार ने अपना एक बुकलेट जारी किया है, जिसमें खाद्य सुरक्षा और मनरेगा पर चर्चा के साथ में यूपीए कार्यकाल में दस सालों के कामकाज के बारे में भी बताया गया है।
कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि महिला बिल पास नहीं होने का उन्हें बहुत दुख है। साथ ही उन्होंने पार्टी के लोगों से कहा कि सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाया जाना चाहिए।