अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पार्टी में असंतोष

arvind_kejriwalनई दिल्ली / आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन न करने के अनुमानों के बाद पार्टी में अरविंद केजरीवाल और दूसरे बड़े नेताओं के खिलाफ असंतोष नजर आने लगा है। ‘आप’ नेता लोकसभा चुनाव में पार्टी की खराब रणनीति और गलत फैसलों को लेकर उन्हें कोस रहे हैं। असंतुष्ट नेताओं का मानना है कि पार्टी ने पूरी ताकत वाराणसी में केजरीवाल को चुनाव जितवाने के लिए झोंक दी, जबकि दूसरे उम्मीदवारों को मैदान में अकेल छोड़ दिया गया।  लोकसभा चुनाव में ‘आप’ के कुछ उम्मीदवारों से बात की तो केजरीवाल और उनकी कोर टीम के खिलाफ उनका असंतोष छलक पड़ा। उन्होंने केंद्रीय नेताओं से सपोर्ट न मिल पाने और सारे बड़े नेताओं के केजरीवाल के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में कैंप करने को लेकर सवाल उठाए। लोकसभा चुनाव में ‘आप’ के एक प्रत्याशी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, ‘दिल्ली ऑफिस वीरान पड़ा था। सभी बड़े नेता केजरीवाल के लिए वाराणसी में कैंप किए हुए थे। अपनी जमा पूंजी दांव पर लगाकर बड़ी पार्टियों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे दूसरे उम्मीदवारों की भी थोड़ी मदद करनी चाहिए थी। इनमें से अधिकतर अब हताश हैं।’
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में 426 उम्मीदवार उतारे, जबकि बीजेपी ने 415 और कांग्रेस ने 414 उम्मीदवार खड़े किए थे। ‘आप’ उम्मीदवार के मुताबिक केजरीवाल राष्ट्रीय छवि के अकेले नेता थे, इसलिए उन्हें वाराणसी के साथ दूसरे क्षेत्रों में भी जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि हालांकि केजरीवाल की जीत से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा, लेकिन हार से कई सवाल भी खड़े हो गए। ‘आप’ के एक दूसरे उम्मीदवार ने कहा कि पार्टी को गाजियाबाद के वे चार नेता चला रहे हैं, जिन्होंने अपने गृह प्रदेश में बहुत कम काम किया है। उन्होंने कहा, ‘मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को उत्तर प्रदेश में कुछ ज्यादा वक्त गुजारना चाहिए था, जबकि गोपाल राय को मध्य प्रदेश में फोकस करना चाहिए था।’  ‘आप’ के एक नेता के मुताबिक, ‘हरियाणा की हवा आम आदमी पार्टी के बिल्कुल माकूल थी, लेकिन हमने खराब रणनीति के कारण मौका खो दिया।’

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