अनुशासन के साथ राष्ट्रभक्ति एवं समरसता का पढ रहे पाठ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का संघ शिक्षा वर्ग प्रारंभ 
महाकौशल प्रांत के चौदह जिलों के स्वयंसेवक ले रहे प्रशिक्षण
DSC_0322-डा.एल. एन. वैष्णव- दमोह / विश्व के एक मात्र वृहद स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ शिक्षा वर्ग में महाकौशल प्रांत के चार विभागों के बडी संख्या में स्वयंसेवक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। सामाजिक समरसता राष्ट्रोत्थान का भाव लेकर अनवरत कार्य करने वाले संघ स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने कार्य करता रहता है। जिसको प्राथमिक,दक्षता,नेपुण्य,प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय बर्ष का नाम दिया गया है। महाकौशल प्रांत में हाल ही मे सम्पन्न हुये संकल्प महाशिविर के पश्चात् संघ अपने संकल्प अपने कार्य को प्रत्येक मंडल,ग्राम-ग्राम तक पहुंचाने की योजना पर कार्य कर रहा है। दृढीकरण एवं सामाजिक ताने वाने को सुदृढ करने,हिन्दुत्व एवं राष्ट्रीयता के भाव को पुष्ट करने लगातार कार्य कर रहा है। स्थानीय केशवनगर के सरस्वती शिशु मंदिर में चल रहे संघ शिक्षा वर्ग के प्रथम बर्ष में बडी संख्या में स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-राष्ट्रोत्थान,सामाजिक समरसता का भाव लेकर कार्य करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में नागपुर में डा.केशवराम बलिराम हेडगेवार द्वारा कुछ नन्हे मुन्हे बच्चों के साथ प्रारंभ किया गया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब एक विशाल बट वृक्ष बन कार्य कर रहा है। देश एवं हिन्दु समाज की दुर्दशा देखते हुये चिंतन एवं मनन किया कि सम्पूर्ण समाज की कमजोरी क्या है? जातिवाद एवं समुदायों में बटे विशाल समाज को एक नई दिशा देने एवं एकजुट कर राष्ट्रोत्थान के कार्यों में लगाने हिन्दु एक है का भाव पैदा करने का लक्ष्य लेकर संघ की स्थापना की थी।  विश्व के लगभग 80 देशों में इसका कार्य चल रहा है। देश में इस समय 40 हजार से अधिक शाखायें और 20 हजार से अधिक प्रभावी संस्कार केन्द्र चल रहे है तो वहीं डेढ लाख से अधिक सेवाकार्य के प्रकल्प चल रहे हैं। हिन्दुओं को संगठित एवं संस्कारित कर अपने इस महान राष्ट्र भारतबर्ष को परम वैभव पर पहुंचाने के लक्ष्य को लेकर संघ कार्य प्रारंभ हुआ। इसी भावना से प्रेरित होकर आज लाखों स्वयंसेवक राष्ट्रहित के कार्य में निरंतर लगे हुये हैं। सामाजिक शिक्षा,सामाजिक स्वास्थ्य,सामाजिक सुरक्षा,स्वालंबन एवं समरसता जैसे बिन्द    ुओं को ध्यान में रख निरंतर कार्य जारी है। महाकौशल प्रांत में संघ सृष्टि के अंतर्गत सेवा भारती,वनवासी कल्याण आश्रम,भारत विकास परिषद,विश्व हिन्दु परिषद आदि संगठन 75 प्रकार के लगभग 3500 सेवा कार्य चला रहे हैं। इनमें बाल/बालिका संस्कार कोचिंग,कम्पूटर शिक्षा,सिलाई केन्द्र एवं पुस्तकालय सम्मिलित हैं। संघ अपनी शाखाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से केवल समाज संगठन एवं व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है।
संघ शिक्षा वर्ग-
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ निरंतर स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण देने का कार्य करता रहता है जिसको दक्षता,प्राथमिक,प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय बर्ष का नाम दिया गया है। दमोह नगर में चल रहे प्रशिक्षण में प्रथम बर्ष का प्रशिक्षण स्वयंसेवक प्राप्त कर रहे हैं। वर्ग का भूमि पूजन भगवान वक्रतुण्ड की आराधना के साथ गत दिवस हुआ था वहीं वर्ग का उद्घाटन महाकौशल प्रांत प्रचारक राजकुमार मटाले ने किया जबकि प्रांत के संघ चालक प्रशांत सिंह ने की। वर्ग स्थान पर एक विशाल प्रेरणादायी प्रर्दशनी का आयोजन भी किया गया है जिसमें देश के गौरवशाली इतिहास के साथ देश की आंतरिक एवं बाह्य समस्याओं के साथ ही अनेक विषयों को समाहित किया गया है। उक्त प्रर्दशनी का उद्घाटन अखिल भारतीय अधिकारी माननीय मधुभाई ने दीप प्रज्जवल एवं भारत माता,डा.हेडगेवार एवं श्री गुरूजी के चित्र पर माल्यापर्ण कर किया। वहीं सहभागिता वर्ग अधिकारी रविन्द्र श्रीवास्तव एवं वर्ग कार्यवाह कैलाशनाथ द्वारा की गयी। उक्त प्रदर्शनी एवं वर्ग दर्शन के लिये समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों को अलग-अलग दिन निर्धारित किये गये हैं।
वर्गदर्शन-
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जानने समझने एवं उसके कार्य एवं प्रशिक्षण को देखने के लिये वर्ग दर्शन का कार्यक्रम तय किया गया है। जिसके तहत समाज के विभिन्न वर्ग एवं संगठनों को अलग-अलग दिनांकों में वर्ग दर्शन का लाभ दिलाया जा रहा है। प्रचार प्रमुख डा.एल.एन.वैष्णव ने बतलाया कि गत दिवस शिक्षक,अधिवक्ता वर्ग के लोगों ने इसका लाभ उठाया। वर्ग स्थल पर आयोजित एक विशाल प्रेरणादायी प्रर्दशनी का आयोजन भी किया गया है जिसमें देश के गौरवशाली इतिहास के साथ देश की आंतरिक एवं बाह्य समस्याओं के साथ ही अनेक विषयों को समाहित किया गया है। वहीं इसका लाभ प्राचार्य, प्राध्यापक, महाविद्यालीन शिक्षा, उद्योगपति, व्यवसायी, न्यासी, जाति बिरादरी प्रमुख, चिकित्सक,दवा विक्रेता, एमआर, पत्रकारों एवं खिलाडियों को सम्मिलित किया गया है। इन्होने बतलाया कि महाकौशल पं्रात के चार विभाग के 14 जिलों के बडी संख्या में स्वयंसेवक प्रशिक्षण ले रहे हैं। जो प्रात: निर्धारित समय पर जागरण के पश्चात् लगातार कठिन श्रम एवं अनुशासन के साथ राष्ट्रोत्थान का पाठ पढ रहे हैं।
स्वयंसेवकों को राम रोटी-
उक्त संघ शिक्षा वर्ग में प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों के लिये भोजन व्यवस्था में जिले के प्रत्येक परिवार से रोटियां प्रतिदिन अलग-अलग जगहों से एकत्रित की जा रही है। जिनको प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले स्वयंसेवकों को तथा प्रशिक्षण दे रहे शिक्षक एवं अधिकारियों को परोसा जा रहा है। 21 दिन तक चलने वाले उक्त प्रशिक्षण में प्रतिदिन दोनो समय के लिये इस प्रकार की योजना पर कार्य जारी है। तय स्थान पर परिवारों में स्वयंसेवक जाते हैं वहां संपर्क कर एक लिफापा देते हुये आग्रह करते हैं कि कल हम आपके पास आयेंगे आप 10 रोटियां इस लिफापे में भरकर भोजन का सहयोग प्रदान करें। दुसरे दिन पुन:संपर्क और रोटियों को एकत्रित कर दोपहर में साढे ग्यारह बजे एवं शाम सात बजे वर्ग स्थल पर पहुंचा दी जाती हैं जिनको स्वयंसेवकों परोसा जाता है।

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