पटना। बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को कहा कि ‘मैं मोम का पुतला नहीं, जो रिमोट से चलूं। हमें समर्थन की जरूरत नहीं है, लेकिन जिन्होंने समर्थन दिया है उन्हें दिल से धन्यवाद देता हूं।’ बिहार विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को सबक लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में नीतीश कुमार को विधानसभा चुनाव में मिली जीत धर्म या जाति के आधार पर नहीं, बल्कि विकास के नाम पर मिली थी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अकेले बिहार में प्रचार के नाम पर 8,000 करोड़ रुपये खर्च किया गया है। इस बयान पर प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर यह साबित कर दिया जाए तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे। मुख्यमंत्री के जवाब के दौरान विपक्षी सदस्यों द्वारा टोकाटोकी चलती रही। इस दौरान भाजपा के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। मुख्यमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यो की चर्चा करते हुए कहा कि उनके द्वारा पिछड़ा और महादलित को प्रतिष्ठा देना कोई नई बात नहीं है। मांझी ने कहा कि उनकी सरकार विकास के लिए काम करेगी और इस सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री का भी मार्गदर्शन मिलता रहेगा।
इसके पूर्व बिहार विधानसभा में सरकार को बहुमत साबित करने के लिए बुलाए गए विशेष सत्र की कार्यवाही प्रारंभ होते ही मांझी को सदन का नेता चुना गया तथा मांझी ने विश्वास मत पेश किया। बाद में ध्वनिमत से मांझी सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया।