बीरांगना लक्ष्मी बाई गौरव सम्मान गुरु चरणो में समर्पित किया

जन्म भूमि बीरपुरा पाठशाला से स्कूल चलो अभियान का शुभारम्भ
DSC05092DSC05099छतरपुर – जिला छतरपुर का ग्राम वीरपुरा एक शांतिप्रिय , सभ्यता का प्रतीक ग्राम माना जाता है इस ग्राम बीरपुरा में पुलिस को
किसी भी तरह की रिपोर्ट की जांच करने का अवसर नहीं मिलता है। दो दसक से
थाना में कोई बीरपुरा का अपराध दर्ज नहीं है।  नौगाव नगर से लगा बीरपुरा
कई मायने में अपनी पहचान बनाए हुए है।           ग्राम बीरपुरा में हर
परिवार का बच्चा स्कूल जाता है ,सभी परिवार अपनी मेहनत पर भरोसा कर अपने
परिवार का संचालन कर लेते है। जिला की पत्रकारिता को मध्य प्रदेश में नया
नाम लेकर निकले संतोष गंगेले की जाने भूमि एबम कर्म भूमि भी ग्राम
वीरपुरा है।  इसी प्रकार इस ग्राम के श्री आर. पी. राय जो प्राचार्य से
सेवा निर्बृत हो कर बजरंग मंडल के माध्यम से समूचे बुन्देल खंड में अपनी
प हचान बनाये हुए है। ग्राम बीरपुरा के अनेक परिवारो ने संतोष गंगेले की
सफलता पर शुभकामनाये व बधाई दी है।
गत दिवश गणेश शंकर विधार्थी प्रेस क्लब प्रांतीय
अध्यक्ष श्री संतोष गंगेले को बुन्देल खंड से एक कर्मठ , ईमानदार
,समाजसेवी पत्रकार के रूप में आजाद भवन दिल्ली में विशाल सम्मान समारोह
में उन्हें शाल & शील्ड देकर बीरांगना लक्ष्मी बाई गौरव सम्मान गुरु चरणो
में समर्पित किया।दिल्ली में गौरव सम्मान से सम्मानित संतोष गंगेले जी ने
अपनी जान स्थली भूमि बीरपुरा की मातृ भूमि से स्कूल चलो अभियान की शुरुआत
अपने 75 बर्षीय  गुरु शिक्षक श्री आर पी राय,65 बर्षीय श्री मुरली मनोहर
नायक , 68 बर्षीय श्री नाथूराम जी को पाठशाला में सम्मानित किया। शिक्षण
संस्था की प्राचार्य श्रीमती मीरा गुप्ता सहित सभी टीचर्स को सम्मान करते
हुए पाठशाला के सभी बच्चो पर पुष्प बर्षा करते हुए प्रदेश के मुख्य
मंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान के सन्देश दे साथ अभियान की शुरुआत की।
इस अवसर पर गणेश शंकर विधार्थी प्रेस क्लब प्रांतीय उपाध्यक्ष श्री सतीश
साहू सचिव  कमलेश जाटव ,संयुक्त सचिव श्री राजेश शिवहरे, कोषाध्यक्ष श्री
के के रिछारिया ,प्रचार सचिव श्री खेम -आनंदा पेंटर ने स्कूल चलो अभियान
में उपस्थित अथिओ का स्वागत किया।  इस अवसर पर स्कूली बच्चो को गुब्बारे
,साहित्य ,मिठाइयाँ वितरित की गई।

1 thought on “बीरांगना लक्ष्मी बाई गौरव सम्मान गुरु चरणो में समर्पित किया”

  1. एक छोटे से किसान ,संत साधु की संतान के रूप में ईश्वर में मुझे इस संसार -सागर में मानव देह देकर भेजा , में मानव बनने की लगातार कोशिस में लगा रहता हूँ। यदि मुझे रास्ता दिखने बाले आप जैसे पत्रकार साथी , मित्र ,सहयोगी न होते तो संतोष गंगेले अपने तक ही सिमित होते। में सभी पत्रकार साथिओ का आभारी हूँ और रहूँगा

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