बदले की भावना से हो रही मेरे खिलाफ कार्यवाही-सोनिया

Sonia-Gandhiनई दिल्ली / नैशनल हेरल्ड केस में कांग्रेस को इनकम टैक्स का नोटिस मिलने पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि बदले की भावना से कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा किहा कि ऐसे कदमों से कांग्रेस सत्ता में दोबारा जल्दी आएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पार्टी इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ने का मन बना चुकी है। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी पर बिजनेस करने का आरोप लगा है। राजनीतिक पार्टी होने के बावजूद वह व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल होने और टैक्स छूट लेने के आरोप पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कांग्रेस को नोटिस भेजा है। नोटिस में पूछा गया है कि क्यों न कांग्रेस को मिली टैक्स छूट वापस ले ली जाए। इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को समन भी जारी किया है। दोनों को 7 अगस्त को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है।
इस मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी शिकायतकर्ता हैं। उनका आरोप है कि कांग्रेस के धन को निजी प्रॉपर्टी में लगाकर अपने हित के लिए इस्तेमाल किया। उनका आरोप है कि हेरल्ड हाउस के नाम से जो 1600 करोड़ रुपये की संपत्ति है, उसका इस्तेमाल निजी फायदे के लिए किया जा रहा है। यह संपत्ति असोसिएट जर्नल्स लिमिटेड की संपत्ति है और स्वामी का आरोप है कि गांधी परिवार ने गुपचुप तरीके से इसका नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है।
क्या है मामला?
द असोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (टीएजेएल) ‘नैशनल हेरल्ड’ अखबार के प्रकाशन का स्वामित्व रखती है। दावा किया जाता है कि नई दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेरल्ड हाउस की कीमत तकरीबन 1,600 करोड़ रुपये है। इस बिल्डिंग पर टीएजेएल का मालिकाना हक है। कांग्रेस ने 26 फरवरी, 2011 को टीएजेएल की 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया। सुब्रमण्यन स्वामी का आरोप है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं ने यंग इंडिया लिमिटेड नाम से एक कंपनी बनाई। यंग इंडियन में सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है। इसकी शेष हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास है। स्वामी का आरोप है कि बाद में टीएजेएल को 50 लाख रुपये देकर यंग इंडिया लिमिटेड ने कंपनी से 90 करोड़ रुपये वसूलने का अधिकार प्राप्त कर लिया। हेरल्ड हाउस को पासपोर्ट ऑफिस के लिए किराये पर दिया गया है। स्वामी का कहना है कि हेरल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। मगर पासपोर्ट सेवा केंद्र का संचालन हेरल्ड हाउस से ही हो रहा है।

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