वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक लगातार विवादित बयान देते जा रहे हैं। उनका कहना है कि नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव उनका ही था। उन्होंने यहां तक कहा कि वे चाहें तो प्रधानमंत्री बन सकते थे, मगर कभी पद की लालसा में नहीं रहे। वैदिक ने कहा, ‘लोगों को मेरे ऊपर गर्व होना चाहिए कि मैं अपनी जान खतरे में डालकर वहां गया। जो नेता मेरे खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए।’ अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अगर दोनों तरफ के कश्मीरी तैयार हों और दोनों देश भी तैयार हों तो आजाद कश्मीर बनाने में कोई बुराई नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर कश्मीर आजाद मुल्क बन गया तो वह पाकिस्तान के लिए बड़ा सिरदर्द बन जाएगा। मंगलवार को उन्होंने इसका खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ लोगों की आजादी की बात की थी।
राज्यसभा में इस मुद्दे पर मंगलवार को भारी हंगामे के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि सरकार हाफिज सईद से डॉ. वैदिक की मुलाकात को खारिज करती है। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सरकार इस मुलाकात के बारे में जानती थी और क्या कोई बैक चैनल चल रहा है। इस पर स्वराज ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है और सरकार का इस मुलाकात से कोई लेना-देना नहीं है।