संसदीय बोर्ड से बाहर हो गए अटल, आडवाणी, जोशी

bjp logoनई दिल्ली, बीजेपी संसदीय बोर्ड का पुर्नगठन किया गया है. इस बोर्ड के पुनर्गठन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को शामिल नहीं किया गया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है. जबकि इस संसदीय बोर्ड में अमित शाह (अध्यक्ष) नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, अनंत कुमार, नितिन गडकरी, वेंकैया नायडू, थावरचंद गहलोत, जेपी नड्डा, शिवराज सिंह चौहान और रामलाल को शामिल किया गया है. आइल अलावा पार्टी ने एक मार्गदर्शक मंडल का गठन किया है, जिनमें अटल, आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, पीएम नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह सहित 5 सदस्यों को शामिल किया गया है.
गौरतलब है कि इस बात की अटकलें पहले से ही लगाई जा रही थीं कि संसदीय बोर्ड के पुनर्गठन में अटल, आडवाणी को जगह नहीं दी जाएगी. यह कदम मोदी सरकार से बीजेपी के दिग्गजों को बाहर रखने के बाद अब पार्टी संसदीय बोर्ड को भी 75 की उम्र वाले नेताओं से मुक्त करने के रूप में देखा जा रहा है.
बीजेपी के सारे अहम फैसले संसदीय बोर्ड में ही लिए जाते हैं. जाहिर है इस बोर्ड में शामिल नेताओं का एक खास कद होता है. बीजेपी ने 75 की उम्र वाला फॉर्म्युला बीजेपी संसदीय बोर्ड में भी लागू करते हुए बीजेपी संसदीय बोर्ड से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को बाहर कर दिया है.
बीजेपी के संविधान के मुताबिक नैशनल एग्जेक्यूटिव संसदीय बोर्ड में नियुक्ति करता है. इसमें एक पार्टी चीफ के अलावा 10 और सदस्य होते हैं. इस बोर्ड का चेयरमैन पार्टी प्रेजिडेंट होता है.
इससे पहले राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले संसदीय बोर्ड में उनके अलावा अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, वेंकैया नायडू, थावर चंद्र गहलोत, मुरली मनोहर जोशी और अनंत कुमार (सचिव) शामिल थे. औपचारिक तौर पर पार्टी के सारे अहम फैसले संसदीय बोर्ड में ही लिए जाते हैं. बड़ा हो या छोटा पार्टी संविधान में संशोधन संसदीय बोर्ड की मोहर के बाद ही किया जा सकता है. आमतौर पर सभी पूर्व अध्यक्ष इस बोर्ड के सदस्य होते हैं.

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