नगरीय निकाय चुनाव में मतदान ने पिछले रिकार्ड तोडे
ताज या होगा वनवास,प्रत्यासियों का भविष्य ईव्हीएम में बंद
दमोह 69.88,पथरिया 79.62 एवं पथरिया में 85.42 मतदान
अनेक नेताओं के होश उडे ,जनता ने दिखाया उत्साह
-डा. एल. एन. वैष्णव– दमोह / जिले की एक नगर पालिका परिषद एवं दो नगर पंचायतों में हुये भारी मतदान ने पिछले सारे रिकार्डाे को ध्वस्त कर दिया जिसके चलते इस बात की चर्चाओं का बाजार जमकर गर्म है कि क्या यह लोकसभा के परिणामों को तो नहीं दुहराने जा रहा है? वैसे राजनीति के जानकारों की माने तो यह बिल्कुल एक सच्चाई हो सकती है। जिस प्रकार से मतदाताओं ने अपने अधिकार के प्रयोग को करने में उत्साह दिखाया वह निश्चित रूप से उनकी जागरूकता और परिवर्तन दोनो की ओर ईशारा करती है। प्रात:निर्धारित समय से लेकर संध्या को निर्धारित समय तक मतदाताओं का मतदान स्थल पर पहुंचना जारी रहा था।
कहां कितना हुआ मतदान-
जिले की पांच नगरीय निकाय के निर्वाचन में के लिये दो चरणों में मतदान सम्पन्न हुआ। प्रथम चरण में 28 नबम्बर को हटा में 71.38 तथा तेंदूखेडा में 81.79 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि द्वितीय चरण में 2 दिसम्बर को दमोह नगरपालिका परिषद के लिये 69.68,हिण्डोरिया नगर पंचायत में 79.62 तथा पथरिया में 85.42 प्रतिशत मतदान हुआ। निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार दमोह में 94 हजार 449 मतदाता हैं जिसमें 35 हजार 167 यानि 71.33 पुरूष तथा 30 हजार 850 महिलाओं ने मतदान किया। हिण्डोरिया में 11 हजार 72 मतदाता हैं जिनमें से 4623 अर्थात् 80.79 पुरूष एवं 4192 महिलाओं यानि 78.36 ने मतदान किया। इसी प्रकार पथरिया में 14 हजार 133 मतदाताओं में से 6480 पुरूषों यानि 87.34 एवं 5593 अर्थात् 83.30 महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
कितनों की किस्मत हुई ईव्हीएम में कैद-
द्वितीय एवं अंतिम चरण के मतदान में नगरपालिका दमोह के अध्यक्ष 07 की वहीं दूसरी ओर पार्षद पद हेतु 38 वार्डो के रिक्त स्थानों को भरने के लिये 144 उम्मीदवारों की किस्मत को ईव्हीएम में बंद कर दिया गया है। निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड क्रमांक 24 में 01 अभ्यर्थी होने से निर्विरोध निर्वाचित हुआ था। इसी प्रकार नगरपालिका पथरिया के अध्यक्ष पद के लिये 05 तो वहीं पार्षद पद हेतु 52 उम्मीदवारों एवं नगरपालिका हिण्डोरिया के अध्यक्ष पद के लिये 04 तो 39 उम्मीदवारों के भाग्य को मशीन में मतदाताओं ने बंद कर दिया। प्र्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड 04 एवं वार्ड 13 में निर्विरोध निर्वाचन हुआ था। इसी क्रम में गत 28 नबम्बर को हुये मतदान में हटा नगर पालिका एवं तेंदूखेडा नगर पंचायत के लिये हुये मतदान में मतदाताओं ने प्रत्यासियों के भाग्य को ईव्हीएम मशीन में कैद कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार हटा में अध्यक्ष पद के 03 एवं 38 पार्षद प्रत्यासियों तथा तेंदूखेडा में अध्यक्ष पद के 04 तथा पार्षद पद के लिये 41 प्रत्यासियों की किस्मत को ईव्हीएम मशीन में मतदाताओं ने कैद कर दिया है। यहां वार्ड क्रमांक 07 का प्रत्यासी निर्विरोध जीत चुका है। निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार हटा के 15 वार्डो के 22 हजार 296 मतदाताओं में से 71.38 तथा तेंदूखेडा में 15 वार्डों के 09 हजार 333 में से 81.79 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
लोकसभा के परिणामों की ओर स्पष्ट्र ईशारा-
मतदान के बढे प्रतिशत ने एक एक बडे उलटफेर की ओर ईशारा करना प्रारंभ कर दिया है? राजनीति के जानकारों की माने तो परिणाम चौंकाने वाले होंगे वह भी जिस प्रकार लोकसभा के आम निर्वाचन के परिणामों के समय हुआ था। सूत्रों की माने तो यहां दमोह नगर में हुये मतदान में एक वर्ग एवं व्यक्ति विशेष के विरोध में मतदान होने की बात सामने आ रही है। ज्ञात हो कि भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा के प्रत्यासी प्रहलाद पटैल को यहां से 19 हजार से अधिक मतों से जिताया था जबकि विधान सभा में यहां के विधायक एवं प्रदेश के कदवर मंत्रियों में गिने जाने वाले जयंत मलैया को विधानसभा क्षेत्र में 4500 के करीब वोट मिले थे। गत विधानसभा में यह 131 मतों से जीत दर्ज करायी थी जबकि नगर पालिका का चुनाव कांग्रेस ने मात्र 135 मतों से जीता था। जानकारों की माने ओर चर्चाओं के दौर से निकलने वाली बातों के ईशारों को समझें तो यहां भाजपा प्रत्यासी की जीत चार अंकों से उपर भी जा सकती है।
कुछ के उडे होश तो कुछ हुये प्रसन्न-
मतदाताओं के अति उत्साह एवं मतदान से जहां चरणवदंना एवं एक विशेष जगह राजनीति का केन्द्र बिन्दु मान परिक्रमा करने वालों मेंं निराशा का भाव तथा पार्टी के कर्मठ तथा समर्पित नेताओं में प्रसन्नता का माहौल होने की जमकर चर्चा बनी हुई है? सूत्र बतलाते हैं कि मतदाताओं के इस प्रकार के रूझान की आशा इनको नहीं थी। परन्तु यहां इस बात का उल्लेख कर देना अति आवश्यक हो जाता है कि जिस संगठन ने लोकसभा में जमीनी स्तर पर कार्य कर देश में चौंकाने वाले परिणामों को लाने में कार्य किया था वह इस चुनाव में भी मतदाताओं को जगाने में कामयाब हो गया यह बात कही जाये तो शायद कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
फूल के साथ कुछ कीडों का उद्धार-
चारों ओर व्याप्त चर्चाओं एवं राजनीति के जानकारों की बातों को माने तो हो सकता है कि भगवान पर चढने वाले फूल के साथ कुछ कीडे भी उसकी कृपा से ईश्वर के पास पहुंच जायें और कीडे यह ईठला कर कहें कि इस में किसी का योगदान नहीं है? परन्तु सच्चाई तो सच्चाई ही रहेगी जिसे भले ही वह सार्वजनिक रूप से न स्वीकारें पर परन्तु जनता और कीडों का मन तो सब जानता ही है?
