शाह अब्दुल लतीफ़ सेमिनार-दिल्ली में सम्पन्न

Maruee-2Sindhi K-ReleaseThe Team16. Pandrah Sindhi Kahaniyan - Copy16-17-18- दिसंबर -2014, दिल्ली में ‘मारुई’ संस्था की ओर से आयोजित शाह अब्दुल लतीफ़ पर छट्टा अंतराष्ट्रीय सेमिनार सम्पन्न हुआ। यह कार्यक्रम YMCA Tourist Hostel, ke और ICC Conference Room में हुआ। तारीख़ 16, दिसम्बर को उदघाटन समारोह के मुख्य मेहमान लोकसभा सदस्य सत्यापलसिंह, सादर भूतपूर्व एम्बेसेडर अर्जुन आसरानी एवं खास मेहमान मशहूर गायिका पद्मश्री शांति हीरानंद की उपस्थिती में हुआ। कार्यक्रम के आगाज में दीप प्रज्वलन व सरस्वती वंदना की परंपरा निभाई गई। उसी शाम संगीत से सजी महफिल में शाह के कलाम व अन्य सिंधी गीतों की बौछार से सभग्राह को अपनी आवाज़ से भावविभोर किया उमा लाला, पद्मा गिदवाणी, सरोजिनी कुमार, नीतू मटाई, रेने मिराजा, तेजा भाटिया, राजेन्द्रकुमार, लजा भाटिया व मनोहर करुणा, पंकज जेसवानी जी ने। प्रोग्राम का सिलसिलेवार संचालन किया वीणा शिरंगी व शालिनी सागर ने।
17 दिसम्बर को सिंध पाकिस्तान से आए डॉ. सुलेमान शेख़ व उनके साथ आए 14 लेखकों व शायरों ने इस सेमिनार में शिरकत की। उनमें मुख्य सम्मानित अतिथि रहे जनाब ग़ुलाम अली मोराई, एजाज़ अहमद कुरेशी, अमानुल्लाह शेख़, जावेद अहमद शेख़, डॉ. महरूलिनिसा लारिक, बेनिश साजिद, डॉ. मुमताज़ भुटो, नाज़िर नाज़, सुरेश कुमार वाधवानी, जन्नत जान, महक अली, आमिन लाखो, नसीम अख़्तर जलबानी सिंध से और भारत के हर प्रांत से शिरकत करने वालों की तादाद में थे दिल्ली अकादेमी के वाइस चेरमेन डॉ॰ मुरलीधर जेटले, इस कार्यक्रम की हर्ता-कर्ता वीना शिरंगी, शलिनी सागर, गोवेर्धन शर्मा घायल, भगवान अटलानी, अर्जुन चावला, खेमन मुलानी, लक्ष्मण दुबे, इंदिरा पूनवाला, देवी नागरानी, शोभा लालचंदनी, सिंधु बरखा खुशालानी, डॉ. विनोद आसूदनी, लछमनदास केसवानी, नारी लच्छवानी, बलू चोइथानी, भारती केवलरामानी, हरी हिमथानी, मोहन हिमथानी, रवि प्रकाश टेकचंदानी, शमीम अहमद।
सिंध से आए लेखकों ने शाह लतीफ के संदर्भ में अपने अपने प्रपत्र पेश किए। इस सत्र की अध्यक्षता की डॉ. सुलेमान शेख़ ने, ग़ुलाम नबी मोराई, एजाज़ अहमद कुरेशी, अर्जन चावला एवं भगवान अटलानी ने की।

दुपहर को भोजन के उपरांत सत्र में सिंध और हिन्द के लेखकों के पुस्तकों के विमोचन हुए, जिसमें वीना शिरंगी की दो पुस्तकों का विमोचन हुआ-Silent Path, और पखा ऐं पवार-डिठे मूँ डींह थ्या, एवम देवी नागरानी की सिंध के कहानिकारों की कहानियों का हिन्दी में अनुदित संग्रह “पंद्रह सिंधी कहानियाँ” का विमोचन दिल्ली अकादेमी के वाइस चेरमेन डॉ॰ मुरलीधर जेटले, जनाब ग़ुलाम अली मोराई (CEO Mehraan T. V , Hyderabad Sindh) वीना शिरंगी, व देवी नागरानी, मोहतरमा नाज़िर नाज़ के हाथों से हुआ। उसी शाम एक काव्य गोष्टी का आयोजन भी हुआ, जहां काव्य पाठ की सरिता बहती रही।
18 तारीख़ समर्पण की ओर बढ़ते हुए, कुछ प्रपत्र पढ़े गए और आए कविगन का सम्मान हुआ। गोवेर्धन शर्मा घायल ने बड़ी ही तेजस्वी ढंग से दो दिनों के कार्यक्रम की रूपरेखा को दारपेश किया। इस संस्था के सहकार में जुड़े सभी सदस्य मौजूद थे- रेनी मिराजा कुमार, राजेंद्र कुमार, मोहन गुरबानी, श्री मनोहर करणा, रमेश लाल, धीरज कुमार, डॉ. बलदेव आनंद कुमार, प्रो. सादिक़, प्रोमिला शर्मा, सीमा शिरंगी, प्रो. सान्या, श्रीमती सादिक़, शोभा शिरंगी, दीक्षा एवं सिद्धार्थ शिरंगी …अन्य…! कैमेरामेन राजकुमार रिझवानी एवं रतन पाहुजा ने अपने कैमरा से सभी कोणों से सभा में मौजूद हर एक अदीब को क़ैद करते हुए अपने कार्य को बखूबी अंजाम दिया। एक शानदार व यादगार सेमिनार जहाँ हिन्द-सिंध के सिंधी साहित्यकारों की मिली- जुली एक धारा संगठित रूप में साहित्य के सरोवर में घुल मिल गई।

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