केन्द्र के खिलाफ हर आंदोलन में कांग्रेस उनके साथ
भोपाल / कर्ज में डूबते मध्यप्रदेश और केन्द्र सरकार की ओर से सहायता ना करने पर अब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह अपना राजधर्म क्यो नही निभा पा रहे है। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष राजा पटैरिया ने शिवराजसिंह की बेबसी पर चुटकी लेते हुये उनहे अब अपने राज के धर्म को निभाने की सलाह दी है। उनहोने तो यहां तक कहा है कि अगर मुख्यमंत्री जनता के हितो की सच्चाई से परवाह करते है तो उनहे केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल देना चाहिये जिसमें कांग्रेस भी दलगत राजनीति से परे होकर साथ निभायेगी।
प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजा पटैरिया ने कहा है कि जब केन्द्र में यूपीए अर्थात कांग्रेस गठबंधन की सरकार थी तब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने जमकर धरना प्रर्दशन किये। कोयले का मसला हो या केन्द्र से मिलने वाली अन्य आर्थिक सहायताओ का मुख्यमंत्री ने तब कांग्रेस को कोसने में कोई कसर नही छोडी। जब कि केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के साथ कोई भेदभाव नही किया। मध्यप्रदेश में अधिकांश येाजनाये केन्द्र की मदद से ही संचालित होती रही इसके बाबजूद जनता को बरगलाने के लिये पूरी मध्यप्रदेश की भाजपा मोर्चा खोले रही। आज केन्द्र में भाजपा की सरकार है इसके बाद भी मध्यप्रदेश की सरकार कर्ज लेकर अपना काम चला रही है। राज्य सरकार को अधिकार से मिलने वाले फंड भी केन्द्र सरकार से नही मिल रहे वहीं मनरेगा जैसी अधिकांश योजनाये मृत स्थिति में है। याद करे जब मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने सत्ता छोडी थी तब करीब 20 हजार करोड का कर्ज था लेकिन आज यह आंकडा 1 लाख करोड तक जा पंहुचा है। केन्द्र में भाजपा सरकार आने के बाद से मप्र सरकार लगातार कर्ज ले रही है। इसी वर्ष नये साल में मप्र सरकार ने एक हजार करोड का कर्ज ले लिया है। दिसम्बर माह में भी एक हजार करोड का कर्ज मप्र सरकार ने लिया था। इसे मिलाकर मौजूदा वर्ष में सरकार 7000 करोड का कर्ज ले चुकी है। अब मध्यप्रदेश उन राज्यो में शामिल हो गया है जो एक लाख करोड के कर्ज से दबे प्रदेश है। राजा पटैरिया ने कहा है कि मुख्यमंत्री पूरी जनता का होता है इन कर्जीले हालातो और केन्द्र से सहायता ना मिलने के कारण मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को अपना राजधर्म निभाना चाहिये। वरना जनता के हितेषी होने का नाटक बंद कर देना चाहिये। मध्यप्रदेश के किसान आज खाद को तरस रहे है वही बोनस पर भी केन्द्र सरकार ने पांबदी लगा दी है। जहां तक जीरो प्रतिशत पर कर्ज देने का सवाल है तो सरकार ने कर्ज जमा करने की सीमा वह तय की है जब किसानो की फसल बाजार में आ ही नही पाती जिससे किसान को इस योजना का भी लाभ नही मिलता। केन्द्र में कांग्रेस गठबंधन सरकार के समय मुख्यमंत्री इन्ही मुददो को लेकर कांग्रेस को कोसते हुये जनता को बरगलाने के लिये आंदोलन किया करते थे। आज जब केन्द्र में भाजपा की सरकार है तो मुख्यमंत्री अपना राजधर्म का पालन करते हुये क्यो नही सडको पर उतरते। राजा पटैरिया ने सवाल किया है कि क्या उस समय मुख्यमंत्री मात्र जनता के हितेषी होने का नाटक मंचन किया करते थे और क्या शुद्ध रूप से राजनीति नही करते थे ? आज वे चुप क्यो है और मध्यप्रदेश को क्यो कर्ज के मुंह में धकेल रहे है जिसका खामियाजा जनता को ही भुगतने को तैयार रहना चाहिये। राजा पटैरिया ने कहा है कि अगर किसान हित और जनता हितार्थ के मुददे पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते है तो राजधर्म का पालन करने वाले मुख्यमंत्री के साथ वह खडे दिखाई देगे।
Santosh Gangele