नई दिल्ली। राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रगान बजने के समय उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी द्वारा राष्ट्र ध्वज को सलामी नहीं देने को लेकर सोशल मीडिया पर छिड़े विवाद पर उपराष्ट्रपति कार्यालय ने बयान जारी कर स्पष्ट किया हैकि प्रोटोकॉल के मुताबिक इसकी आवश्यकता नहीं है दूसरी तरफ इस विवाद को तूल देने वालों की सोशल मीडिया पर ही निंदा हो रही है और कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री को स्वयं को शिक्षित करने की आवश्यकता है क्योंकि प्रोटोकॉल रक्षामंत्री और प्रधानमंत्री ने तोड़ा है।
निजी चैनल को एबीपी न्यूज पर भी विशेषज्ञ कर्नल यू.एस राठौर ने बताया था, ‘राजपथ पर हुए गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का सलामी के लिए हाथ नहीं उठाना बिलकुल सही था आज के दिन सेना से सलामी लेने का हक महामहिम राष्ट्रपति का होता है, वह ही इस सलामी का जवाब देते है। ऐसे में सलामी के लिए सिवाय राष्ट्रपति के वहां मौजूद किसी को भी हाथ नहीं उठाना चाहिए था।’
वरिष्ठ पत्रकार शेषनारायण सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री ने अनभिज्ञता, उत्तेजना अथवा अनुभवहीनता में प्रोटोकॉल तोड़ा है। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी 1980-85 के मध्य चीफ प्रोटोकॉल ऑफीसर रहे हैं, वे राष्ट्रध्वज के प्रोटोकॉल को अन्य से बेहतर समझते हैं।
उधर पूर्वउपराष्ट्रपति और भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत नेता भैरों सिंह शेखावत की तस्वीरें भी सोशल मीडिया में वायरल होने लगी हैं, जिसमें उपराष्ट्रपति के तौर पर शेखावत झंडे को सलामी नहीं दे रहे हैं।
