विवादित सूटः क्या प्रधानमंत्री ने नियम तोड़ा है?

modiप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विवादित सूट की नीलामी गुजरात के सूरत में चल रही है, जिस पर उनका नाम लिखा है। कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी ने वह सूट तोहफे में लेकर अचार संहिता का उल्लंघन किया है। और पहली नजर में यह आरोप सही लगता है क्योंकि होम मिनिस्ट्री की ओर से जारी अचार संहिता स्पष्ट तौर पर कहती है कि कोई भी केंद्रीय या राज्य मंत्री अपने नजदीकी रिश्तेदारों के अलावा किसी और से कीमती तोहफे नहीं ले सकता।
संहिताः एक मंत्री को अपने करीबी रिश्तेदारों के अलावा किसी और से कीमती तोहफे नहीं लेने चाहिए। उसे या उसके परिवार के किसी सदस्य को ऐसे किसी व्यक्ति से कोई तोहफा नहीं लेना चाहिए जिससे उसकी आधिकारिक तौर पर कोई संबंध हो सकता है। केंद्र के मंत्रियों के मामले में यह जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की है कि उनके मंत्री अचार संहिता का पालन करें। इस संहिता के अनुच्छेद 4.2 के मुताबिक कोई मंत्री जब विदेश यात्रा पर जाता है या कोई विदेशी मेहमान भारत आता है तब विदेशियों से तोहफे ले सकता है। ऐसे तोहफे दो श्रेणियों में आते हैं। पहले वे, जो प्रतीकात्मक होते हैं मसलन सम्मान में दी जाने वाली तलवार या शॉल आती। इस तरह की चीजें मंत्री अपने पास रख सकते हैं। लेकिन दूसरी श्रेणी में गैर प्रतीकात्मक तोहफे होते हैं। अगर इन गैर प्रतीकात्मक तोहफों की कीमत 5000 रुपये से ज्यादा है तो उन्हें खजाने में जमा करना होता है। अगर कोई मंत्री इन्हें रखना चाहता है तो उसे इनकी कीमत खजाने को देनी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले सूट के बारे में गुजरात के एक हीरा व्यापारी रमेश कुमार भीकाभाई ने दावा किया है कि उन्होंने अपने बेटे की शादी के मौके पर यह सूट उन्हें तोहफे में दिया था। भीकाभाई ने कहा, ‘मैं गुजरात से हूं। मैंने वाईब्रैंट गुजरात समिट के दौरान यह सूट उन्हें दिया था। यह सूट मैंने अपने बेटे की शादी के न्योते के साथ दिया था।’

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