सूरत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो सूट 4.31 करोड़ रुपए में शुक्रवार को नीलाम हुआ, उस बारे में भास्कर को मिली जानकारी के मुताबिक, नीलामी में लगाई जाने वाली बोलियां पहले से तय थीं। यहां तक कि ‘क्लीन गंगा फंड’ के नाम पर बिना तारीख के चेक भी पहले से भरवा लिए गए थे। नीलामी से मिलने वाली रकम गंगा सफाई के लिए दी जानी है। ऐसे चेक भरवाते वक्त कुछ अधिकारी तस्वीरों में कैद हुए हैं। नीलामी प्रक्रिया के दौरान कुछ अधिकारियों को चेकों की गडि्डयां लिए घूमते देखा गया। हालांकि नीलामी के इंचार्ज सूरत के कलेक्टर डॉ. राजेंद्र कुमार इससे इनकार करते हैं। कुछ अधिकारी पहले से ही चेक की गडि्डयां लिए घूमते नजर आए। ये चेक बिना तारीख के थे। ‘क्लीन गंगा फंड’ के नाम थे। इन पर अलग-अलग राशि भरी हुई थी। ऐसे चेक भरते वक्त अधिकारी ‘दिव्य भास्कर’ (दैनिक भास्कर समूह का गुजराती अखबार) द्वारा ली गई तस्वीरों में कैद हो गए। अधिकारी जो ऑफर फॉर्म भर रहे थे, वह भी बिना तारीख डले चेक में लिखी गई रकम देख कर भर रहे थे।
नियम के खिलाफ:
शुक्रवार पांच बजे तक बोली लगनी थी। 4.31 करोड़ रुपए की सबसे ऊंची बोली हीरा कारोबारी लालजी भाई पटेल ने लगाई। पांच बजे के बाद लालजी भाई से चेक/ड्राफ्ट लिया जाना था। लेकिन, साइंस सेंटर (जहां नीलामी हो रही थी) में कुछ अधिकारी जब फॉर्म भर रहे थे तभी उनके पास कई चेक रखे हुए थे। इन पर तारीख नहीं थी। यह नियमों का खुला उल्लंघन था।
तीन मिनट पहले लगी आखिरी बोली
सूरत में 18 से 20 फरवरी तक मोदी को मिले 455 और मुख्यमंत्री आनंदीबेन को मिले 361 तोहफों की नीलामी कराई गई। सूरत के साइंस सेंटर में चार्टर्ड प्लेन से पहुंचे लालजी भाई पटेल बोली खत्म होने के तीन मिनट पहले पहुंचे। सूट के लिए 2.95 करोड़ की बोली लग चुकी थी। उम्मीद थी कि यही आखिरी बोली होगी। तभी लालजी पटेल की एंट्री हुई और आवाज गूंजी, ‘4 करोड़ 31 लाख’। फिर नीलामी संचालित करने वाले की आवाज- चार करोड़ 31 लाख…एक, चार करोड़ 31 लाख…दो, चार करोड़ 31 लाख…तीन। सूट लालजी का हो गया।