महिला दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित

womens dayमहिला दिवस के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के तत्वावधान में देह्तोरा ग्राम स्थित अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी कार्यालय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें डॉ जाग्रति सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने उपस्थितजतनों को महिला दिवस की महता बताई।
अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के मानसिंह राजपूत ने कहा कि महिला दिवस का बुनियादी अर्थ हर वर्ग की महिला के स्तर को ऊंचा उठाना है तथा उसकी आवाज को समाज के हर कोने तक मुखर करना है।
मुख्य अतिथि डॉ जाग्रति सिंह ने महिलाओं के साथ हो रही छेडछाड पर प्रकाश डालते हुए कहा की एक स्त्री होते हुए ऐसा कहना वाकई दिल पर पत्थर रखने जैसा है, लेकिन आज के हालातों को देखकर तो यही कहा जा सकता है। मानती हूं कि सारे पुरुष और समाज के सभी लोग ऐसी सोच वाले नहीं होते और वे नारियों को वह सम्मान देते हैं जिनकी वे हकदार हैं, पर जिस तरह एक सड़ी हुई मछली सारे तालाब को गंदा कर डालती है उसी तरह ऐसा कुकृत्य करने वाले पुरुष सारे सभ्य वर्ग के लिए एक कलंक हैं। जिसे मिटाना इन्हीं सभ्य लोगों का कर्तव्य है।
अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के उपसंपादक ब्रहमानंद राजपूत ने कहा की सिर्फ नाम के लिए महिला दिवस मना लेना ही काफी नहीं है। सही मायने में महिला दिवस तब सार्थक होगा जब असलियत में महिलाओं को वह सम्मान मिलेगा जिसकी वे हकदार हैं। इसके साथ ही ब्रहमानंद राजपूत ने कहा कि समाज को संकल्प लेना चाहिए कि समरसता की बयार भारत में बहे, भारत के किसी घर में कन्या भ्रूण हत्या न हो, मातृशक्ति अपनी गरिमा और गौरव का परिचय देगी। विश्व के मानस पटल पर प्रखर भारत की तस्वीर तभी प्रकट होगी जब हमारी माताएं-बहनें अपने गौरव को पहचानेंगी और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएंगी।
इस अवसर पर ब्रज लेजर के डायरेक्टर अरबसिंह राजपूत ने कहा कि हमारा समाज तभी तरक्की कर सकता है जब महिलाएं स्वावलंबी बनेंगी तथा पुरूषों के साथ हर क्षेत्र में कंधे-से-कंधा मिलाकर चलेंगी।
इस अवसर पर हरिप्रसाद, भगवानसिंह, पूरनसिंह, प्रभाव सिंह, आनंद, नरेश, पवन, मोरध्वज, सुखदेवी, अनारदेवी, कम्पूरीदेवी, रामदुलारी, मीना, मुन्नीदेवी, फूलनदेवी, मीरा, ओमवती, लक्ष्मी, मीना, कल्लनदेवी, निर्मला, राधा, कमलेश, राजकुमारी सहित अधिक संख्या मैं महिलाओं की उपस्थिती थीं।

error: Content is protected !!