मिशन इंद्रधनुष केन्द्र का देश के बच्चों को स्वस्थ्य रखने का प्रयास
कलेक्ट्रर,संबधित अधिकारियों ने पत्रकारों को दी जानकारी
– डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव- दमोह / मातृ शक्ति पूज्जनीय,वंदनीय है वह देवी स्वरूपा होती है वह विषम परिस्थितियों में भी अपने आपको तपाकर एक अलग शरीर को शिशु के रूप में जन्म देती है यह बात जिले के कलेक्ट्रर स्वतंत्र कुमार ने कही। वह स्थानीय संयुक्त कलेक्ट्रेड भवन के सभाकक्ष में मिशन इन्द्रधनुष के विषय को लेकर आयोजित पत्रकार वार्ता एवं कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इन्होने कहा कि गर्भाधान से लेकर प्रसव तक लगातार एक स्त्री को कितने प्रकार के कष्ट्र झेलना पडते हैं तो वहीं शिशु के पालन-पोषण के साथ परिवार को संभालने में उसका महत्वपूर्ण योगदान होता है। श्री सिंह ने संस्थागत प्रसव को कराने के फायदे एवं नुकसान को बतलाया तो वहीं दूसरी ओर शिशुओं को होने वाली बीमारियों तथा सरकार द्वारा किये जा रहे उपायों की जानकारी प्रदान की। बच्चों के मध्य जन्म का कितना अंतर होना चाहिये इसके न होने पर क्या हानि होती है इसको बतलाते हुये कहा कि अगर तीन बर्ष से अंतर कम होगा तो पहला बच्चा कुपोषित रहेगा। जबकि मां को भी शारीरिक हानि के साथ मानसिक परेशानी भी होगी। श्री सिंह ने कहा कि प्रसव के समय मां के शरीर का एक तिहाई रक्त निकल जाता है जिसको बनने में तीन बर्ष का समय लगता है। वहीं शिशुओं को होने वाली सात प्रमुख बीमारियों से बचाने के लिये जिन टीकों को लगाना आवश्यक होता है की जानकारी भी प्रदान की। श्री सिंह ने जिले में होने वाले संस्थागत प्रसव में तारादेही क्षेत्र को सर्वश्रेष्ठ बतलाते हुये सराहनीय बतलाया।
क्या है इंन्द्रधनुष-
मिशन इंद्रधनुष के शुरूआत के पीछे भारत सरकार की देश से पूर्ण रूप से उन बीमारियों को समाप्त करने की है जिनके कारण अनगिनित नौनिहाल या तो अपना जीवन खो देते हैं या फिर वह अपंगता का जीवन जीते हैं। भारत के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक मिशन के रूप में इस अभियान को प्रारंभ करने का निर्णय लिया ।
गत 25 दिसम्बर 2014 को जब भारत रत्न देश के पूर्व प्रधान मंत्री का जन्म दिवस था तो इस मिशन को प्रारंभ करने की विधिवत घोषण केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने की थी। मिशन इंद्रधनुष में सात प्रकार की बीमारियों से लडने के लिये तैयार करने के लिये शिशुओं को टीके समय पर लगाने के लिये योजना बनायी गयी है। जिसमें कुकर खांसी,हेपाटाईटिस बी,डिप्थीरिया,टेटनिस,पोलियो,टीबी एवं मीजल्स को समाहित किया गया है। देश के अंदर अलग-अलग जिलों को उनमें होने वाली समस्याओं को आधार बनाकर कार्य प्रारंभ किया गया है। जानकारी के अनुसार डब्लूएचओ,यूनिशेफ सहित विश्व के अनेक संगठनों का सहयोग इसमें लिया जा रहा है एवं लेने की योजना है।
इन्द्रधनुष की कार्य योजना-
स्वास्थ्य विभाग के संबधित चिकित्सक डा.खरे ने बतलाया कि जिले के लिये केन्द्र सरकार एवं विभाग की योजना के अनुसार कार्य योजना बनायी गयी है। इन्होने बतलाया कि टीकाकरण को प्रत्येक माह में सात दिनों तक चलाया जायेगा। जिले में चार हजार एैसे बच्चों को चिंहित किया गया है जिनको मिशन इन्द्रधनुष का लाभ दिलाया जायेगा।