नई दिल्ली / केंद्र सरकार और बीजेपी ने ललित मोदी की मदद पर घिरे अपने तीन बड़े नेताओं को उनके हाल पर छोड़ने का फैसला कर लिया है! सूत्रों के मुताबिक बुधवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे को मिलने का वक्त तक नहीं दिया। बताया जा रहा है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और उनके सांसद बेटे दुष्यंत के बारे में नए खुलासों से सरकार और पार्टी पूरी तरह से बैकफुट पर है। अपने इन नेताओं का बचाव करना अब पार्टी व सरकार के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। बताया जा रहा है इसके चलते यह रणनीति अख्तियार की गई है।
बुधवार को इसकी झलक भी दिखी। जब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से वसुंधरा राजे के बाबत सवाल पूछा गया तो, उन्होंने उसे यह कहते हुए वसुंधरा की ओर ही उछाल दिया कि इसका जवाब वही देंगी।
बता दें कि पार्टी और सरकार अभी तक विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ मजबूती से खड़ी दिख रही थी। मंगलवार को भी वित्त मंत्री अरुण जेटली खुलकर सुषमा के बचाव में उतरे थे।
सुषमा की ललित मोदी से ब्रिटेन में मुलाकात और इस विवाद के लपेटे में वसुंधरा राजे, उनके बेटे बीजेपी सांसद दुष्यंत राजे के आने के बाद अब पार्टी व सरकार बेहद असहज स्थिति में है।
खासतौर पर वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत राजे पर जिस तरह के गंभीर आरोप लगे हैं, उससे पार्टी पूरी तरह बैकफुट पर है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा ललित मोदी और उसके सहयोगियों की जांच से पता चला है कि IPL के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी ने राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह की कंपनी में 11.63 करोड़ रुपये लगाए थे। इस निवेश में खास बात यह है कि ललित मोदी ने उस समय 10 रुपये के प्रति शेयर के लिए करीब 96 हजार रुपये चुकाए थे।