अगले हफ्ते बढ़ सकते हैं पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स के दाम

सरकार जल्दी ही पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और केरोसिन की कीमत में एक साथ बढ़ोतरी कर सकती है और यह फैसला अगले सप्ताह तक भी हो सकता है।

पेट्रोलियम मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने इसका संकेत देते हुए कहा कि देश में इस समय ‘कठिन और तकलीफदेह’ फैसले करने की जरूरत है।

मंत्रालय हालांकि इस बात से चिंतित है कि यदि तेल कंपनियों को शुक्रवार या शनिवार को पेट्रोल की कीमत बढ़ाने की इजाजत दी जाती है तो इसका अनेक राजनीतिक दल विरोध करेंगे और ऐसे में मंत्रिमंडल के लिए डीजल, रसाईं गैस और मिट्टी के तेल के दाम बढाने का फैसला करना कठिन हो जाएगा। माना जाता है कि डीजल और रसोई गैस आदि के दाम बढाना और भी अलोकप्रिय होगा। मंत्रिमंडल इन पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढाने पर अगले सप्ताह विचार कर सकता है।

रेड्डी ने कहा, ‘पेट्रोल समेत विभिन्न तेल उत्पादों की कीमत तुरंत बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।’

तेल कंपनियों को नियंत्रित कीमत पर डीजल और रसोई गैस की बिक्री से 560 करोड़ रुपए और पेट्रोल पर 16 रुपए प्रति दिन का नुकसान हो रहा है। संसद के मानसून सत्र खत्म होने के बाद पेट्रोलियम मंत्रालय कीमतें बढ़ाने पर जोर दे रहा है।

रेड्डी ने कहा, ‘हम संकट का सामना कर रहे हैं, इस संकट की दिशा का अनुमान लगाना मुश्किल है। हमारी तेल कंपनियों को(यदि हमने दरें नहीं बढ़ाई) तो करीब 2,00,000 करोड़ का नुकसान होगा।’ उन्होंने कहा कि इस घाटे को कम करने के लिए पहल करने की जरूरत है।

रेड्डी ने कहा ‘हमें कुछ मुश्किल और तकलीफदेह फैसले करने होंगे।’

पेट्रोलियम कीमतों में बढ़ोतरी के राजनैतिक विरोध के बारे में रेड्डी ने कहा कि भारत में पेट्रोलियम ईंधन की कीमत तय करने का मुद्दा इस बात का सटीक उदाहरण है कि किस तरह ‘आर्थशास्त्र पर राजनीति के भारी पड़ती है।’

रेड्डी ने कहा कि उन्होंने पेट्रोलियम क्षेत्र की खस्ताहाली पर विचार करने के लिए राजनैतिक मामलों से जुड़ी मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) के पास प्रपत्र भेजा है। उन्होंने कहा, ‘मंत्री के तौर पर मेरी जिम्मेदारी है कि सीसीपीए के सामने तथ्य पेश किया जाए। इसकी बैठक कब होगी, इसके बारे में मुझे कुछ नहीं पता।’

सरकारी क्षेत्र की ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों को पेट्रोल की बिक्री पर पांच रुपए प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। पेट्रोल को जून 2010 में सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया गया था लेकिन इसकी कीमत लागत के मुताबिक नहीं बढ़ी है।

कंपनियां डीजल 19.26 रुपए प्रति लीटर, केरोसिन 34.34 रुपए प्रति लीटर और घरेलू रसोई गैस 347 रुपए प्रति सिलिंडर के नुकसान पर बेच रही हैं।

 

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