लखनऊ । प्रदेश कार्यालय पर शिवसैनिको ने बाबरी ध्वंस की 23वीं वर्षगांठ पर बाबर का पुतला फूंका, शौर्य दिवस मनाया तथा कारसेवक हुतात्माओं को श्रद्धा-सुमन अर्पित किये गये। इस अवसर पर प्रदेश प्रमुख/अध्यक्ष बी0एन0 शुक्ला तथा शिवसेना के संरक्षक स्वामी शिवराम पाण्डेय ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि आज देश सहिष्णुता तथा असहिष्णुता के दौर से गुजर रहा है तथा कवि और लेखक छद्म आक्रोश में अपने-अपने पुरस्कार वापस कर रहे हैं और ऐसे लोग क्यों नहीं देखते एक ओर इस्लाम के पैगम्बर के बारे में कटु सत्य कहने वालों को जहॉं जेल भेज दिया जा रहा है वहीं विदेशी आक्रांता जहीरूद्दीन बाबर जिसका जन्म विदेश फरगना घाटी अन्दीजान नाम स्थान पर माता कुतलक निगार खानम जो चंगेज खॉं की वंशज थी तथा पिता उमरशेख मिर्जा जो तैमूर लंग का बंशंज था, के गर्भ से 14 फरवरी 1483 को हुआ तथा मृत्यु 24 दिसम्बर, 1530 को हुई, और वह इस तरह पूर्णरूपेण विदेशी आक्रांता था। ऐसा बाबर काबुल रौदता लूटता तथा इस्लामीकरण करता 06 मई 1529 को बंगाल के शासक नुसरत शाह को पराजित कर अयोध्या स्थित श्री राम मंदिर को अपने अल्प समय में अपने सेनापति मीरबाकी के माध्यम से श्री राम मंदिर के शिखर पर बाबरी गुम्बद का निर्माण कराया, जिसे कारसेवकों ने ध्वस्त कर अपने धर्म और संस्कृति के बिरासत को 06 दिसम्बर, 1992 को सायं 4.40 मिनट पर मुक्त कराया। इसका उल्लेख मौलाना अली मियां साहब जो इस्लाम के स्तम्भ रहे है अपने पिता मौलाना अब्दुल हई की पुस्तक हिन्दुस्तान इस्लामी अहद में जो वर्ष 1926 में अलीगढ़ में प्रकाशित हुई, में कर चुके है।
बाबर ने तुर्की भाषा में अपनी डायरी भी लिखी जिसे ’’बाबरनामा’’ कहा जाता है और उसमें अपनी अन्तिम इच्छा भी प्रकट की कि उसके मरने पर उसे काफिर हिन्दुओं की धरती पर न दफनाया जाय, बल्कि उसके शव को काबुल में दफनाया जाय, जहॉं खरबूजे और हिरमाने (तरबूज) पैजा होते है। बाबर के पितृ भक्त पुत्र हुमायूॅ ने बाद में कब्र खुदवा कर लाश को काबुल भेजा और वहॉं से 32 मील दूर पश्चिम में पुनः दफनवाया जो इस्लाम के विरूद्ध है।
आगरा के किले पर अधिकार कर लेने के बाद सन् 1527, 1528 और 1529 के बाबरनामा को संक्षिप्त कर प्रकाश डाला गया है। काबुल में बने बाबरी मकबरे पर काबुल के पठान मुसलमान नफरत करते है और उसे आक्रांता व लुटेरा तथा विदेशी मानते है, जबकि खण्डित भारत के वे लोग जो उसे अपना हीरो मानते है तथा उसकी बिरासत को बनाये रखने पर गर्व करते है, वे वास्तव में व्याप्त राष्ट्रीय असहिषुणता के मील के पत्थर है।
इस अवसर पर प्रदेश के सह प्रमुख अनुराग शुक्ला ने कहा जिस तरह केन्द्र भूमि अधिग्रहण बिल पर केन्द्र सरकार अध्यादेश लायी उसी तरह श्रीराम मन्दिर के निर्माण पर अध्यादेश लाकर सोमनाथ मन्दिर के तर्ज पर निर्माण कार्य प्रारम्भ कर देना चाहिए। प्रदेश के उप प्रमुख संजय द्विवेदी, डॉ0 अजय दत्त शर्मा, डॉ0 महेश दत्त शर्मा तथा राकेश शर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार निर्धारित तिथि मन्दिर निर्माण करवाने की घोषित करें। लखनऊ के जिला प्रमुख सूर्यभान विश्वकर्मा ने कहा कि केन्द्र में अब भा0ज0पा की पूर्ण बहुमत की सरकार बन चुकी है और अब श्रीराम मन्दिर के निर्माण की उसकी बहानेबाजी नहीं चलेगी। इस अवसर पर के0के0 दीक्षित, राज कमल अग्रवाल, भोले प्रसाद, रिंकू मिश्रा, डॉ0 रबीश, राज द्विवेदी, एडवोकेट विनय सक्सेना, समाजसेवी प्रदीप रायजादा तथा शिवसेना के उप प्रमुख अशोक पाण्डेय और अन्य बहुत से शिवसैनिक उपस्थित थे।
(बी0एन0 शुक्ला)
