पीएम नरेंद्र मोदी जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ शनिवार शाम को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे और दोनों ने यहां के मशहूर दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शिरकत की. आबे आरती के वक्त भारतीय कपड़ों में नजर आए. मोदी और आबे एक ही विमान से वाराणसी पहुंचे थे और एयरपोर्ट पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, उनके पिता मुलायम सिंह यादव और राज्यपाल राम नाईक ने गर्मजोशी से स्वागत किया. एयरपोर्ट पर मोदी और आबे के स्वागत में ढोल नगाड़े बजाए गए. प्रख्यात संगीतज्ञ और पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र, रचनाकार नीरजा माधव, काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के पंडित अशोक द्विवेदी भी यहां मौजूद थे. दोनों देशों की प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा के लिए 7 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. इससे पहले शनिवार सुबह आबे और मोदी की दिल्ली के हैदराबाद हाउस में औपचारिक मुलाकात हुई. प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में दोनों नेताओं के बीच आपसी सहमति के तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई और दोनों देशों के बीच बुलेट ट्रेन समेत कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. दोनों देशों ने आपसी संबंधों को नया आयाम देने की प्रतिबद्धता दोहराई और तमाम क्षेत्रों में मिलकर काम करने पर सहमत हुए. हाई स्पीड रेल के विकास के लिए शिंजो आबे ने भारत को 12 बिलियन डॉलर की मदद का भरोसा भी दिलाया.
इन समझौतों पर हुए हस्ताक्षर
भारत में पहला बुलेट ट्रेन नेटवर्क बनाने के लिए समझौता
भारत और जापान के बीच असैन्य परमाणु उर्जा पर MoU
रक्षा उपकरणों एवं प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के लिए समझौता
PM मोदी ने जापानी नागरिकों के लिए एक मार्च 2016 से आगमन पर वीजा सुविधा का ऐलान किया
बुलेट ट्रेन पर खर्च होंगे 97,636 करोड़
मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर की दूरी के लिए बुलेट ट्रेन चलाने के लिए रेलवे प्रोजेक्ट की कुल लागत 97,636 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. जापान इस लागत के एक बड़े हिस्से तकरीबन 79,000 करोड़ रुपये की धनराशि भारत को बतौर सॉफ्ट लोन देने जा रहा है. भारत-जापान के बीच हुए करार के मुताबिक 79,000 करोड़ रुपये का ये सॉफ्ट लोन भारत को 50 साल की अवधि में चुकाना है. इसमें शुरुआत के 15 साल तक कर्ज वापसी की जरूरत नहीं है और इस अवधि के लिए ब्याज की दर महज 0.1 फीसदी होगी. यानी कर्ज वापसी का सिलसिला कर्ज मिलने के 15 साल बाद ही शुरू होगा.