एक्ट्रेस बनना बचपन से सपना था आयुषी तिवारी

aपटना की हैं आयुषी तिवारी। वुमेंस कॉलेज से बीए करने के बाद सीधे मुंबई आ गई। एक्ट्रेस बनना बचपन से सपना था। सिनेमा का परदा सम्मोहन पैदा करता था। उसके आकर्षण में बंधकर सोचा करती थीं कि परदे पर खुद को देखना कैसा लगेगा! उसे किसी ने समझाया कि इसके लिए एक्टिंग का आना जरूरी है। यह बात इस तरह मन में बैठ गयी कि स्कूल-समय से ही नाटकों में भाग लेने लगीं और डांस सीखने लगीं। वह अपने आप को करिश्मा कपूर के लुक में ढालने लगीं। उन्हेंन श्रीदेवी और गोविंदा पसंद थे और इनकी एक्टिंग से प्रभावित भी खूब थीं।मुंबई आते ही उन्होंने रोशन तनेजा के एक्टिंग स्कूल में दाखिला ले लिया। वहां से निकलने के बाद ही उन्हें कुछ डॉक्यूमेंटरी फिल्में मिल गयीं, लेकिन पटना से लगी थियेटर की आदत को भी नहीं छोड़ा। इस बीच कैलेंडर शूट के मौके को भी नहीं खोया। मुग्धा गोडसे के साथ प्रिंट शूट किया। आयुषी दरअसल फिल्मों की हीरोइन बनने के लिए बेताब थीं, लेकिन मुंबई में सरवाइवल के लिए टीवी सीरियल में काम करने के लिए राजी हो गयीं। सब टीवी के चर्चित धारावाहिक ‘‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’, जी टीवी के सीरियल ‘‘डोली अरमानों की’ और कलर्स के धारावाहिक ‘‘संस्कार एक धरोहर’ में काम किया। आयुषी का कहना है कि ‘‘मेरे दिमाग में सिनेमा ने इस तरह जगह बना रखी है कि उसके अलावा और कुछ सोचना गवारा ही नहीं होता है। बार-बार लग रहा था कि सीरियल का लोभ मुझे सिनेमा के परदे से दूर कर देगा। इसलिए तय किया कि सिनेमा के लिए ही मेहनत करूंगी। मुझे खुशी इस बात की है कि कुछ फिल्में मिलीं, जो रिलीज के लिए तैयार हैं।’ आयुषी यह भी अच्छी तरह जानती हैं कि अपनी सफलता के बारे में अभी सोचना जल्दबाजी होगी। अभी तो काफी संघर्ष करना होगा। अपना कोई है भी नहीं कि जो इन्हें बड़ी फिल्मों में साइन कर ले। इसलिए परेशान नहीं हैं। जो भी करना है, खुद ही करना है। आयुषी ने अभी-अभी हिंदी फिल्म ‘‘तेरी मेरी जरूरत’ की शूटिंग पूरी की है। यह इसी साल रिलीज होगी। इसके अलावा ‘‘टेंशन मत ले यार’, ‘‘प्यार इश्क और फाइट’, ‘‘ना जाने कौन थी वह’ तथा ‘‘बिकाउज’ भी की है। साउथ की भी एक फिल्म ‘‘वासरपदी’ भी करके आयी हैं।आयुषी खुद को मजबूत इरादे वाली एक्टर मानती हैं। किताबों से बहुत लगाव है, खासकर इतिहास से। फिल्में खूब देखती हैं और खाली समय में संगीत सुनती रहती हैं। घूमने का शौक है और नयी-नयी जगहों की तलाश करती रहती हैं। स्वभाव से भावुक है और खुद को तन मन से फिट रखने के लिए योगा करती हैं। अपने काम से प्यार करती हैं और मानती हैं कि मेहनत हर समय साथ देती है। उनका मानना है कि ‘‘जिस सपने को लेकर मुंबई आयी हूं, वह पूरा जरूर होगा।’

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