आंचलिक पत्रकारिता से ग्रामीण विकास का होगा व्यापक हित
विदिषा-सकारात्मक पत्रकारिता से ग्रामीण विकास को नई दिषा मिलेगी और सारगर्भित संवाद को बल मिलेगा। ग्रामीण मीडिया कार्यषाला ‘वार्तालाप’ जैसे कार्यक्रम सकारात्मक और विकासपरक पत्रकारिता को नया आयाम देने में सहायक हो सकते हैं। विदिषा जिला कलेक्टर एमबी ओझा ने पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) भोपाल द्वारा विदिषा में आयोजित ग्रामीण मीडिया कार्यषाला वार्तालाप के दौरान पत्रकारों का संबोधित करते हुए इस आषय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पीआईबी के माध्यम से पत्रकारिता के क्षेत्र में नए प्रयास हो रहे हैं और नए सोपान भी प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने आंचलिक पत्रकारों की समस्याओं पर प्रकाष डाला और कहा कि ग्रामीण पत्रकारों के पास पर्याप्त सुविधाएं नहीं है, जिससे अच्छे प्रतिभागियों को ब्रेक नहीं मिल पाता है।
कार्यषाला को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार षिव अनुराग पटेरिया ब्यूरो चीफ लोकमत ने कहा कि संवाद सहज एवं सटीक होना चाहिए, तभी उसका लोगों पर प्रभाव होता है। उन्होंने कहा कि हमें सूचना एवं खबर के अंतर को भी बखूबी समझना चाहिए। उन्होंने ग्रामीण खबरों को मुख्य धारा से जोड़ने पर बल देते हुए कहा कि एक पत्रकार होने के नाते आपको हमेषा तथ्यों की पुष्टि करनी चाहिए। इस अवसर पर प्रो. डॉ. पुष्पेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि सोषल मीडिया एक वैकल्पिक मीडिया है। इसने खबरों के प्रसारण की गति को तेज कर दिया है और दूरदराज के इलाकों की खबरों को मुख्य धारा से जोड़ने में भी इसकी भूमिका अहम है। सोषल मीडिया की वजह से हम व्यस्तता के बीच खबरों से लगातार रूबरू होते रहते हैं। हालांकि उन्होंने पत्रकारों को आगाह भी किया कि सोषल मीडिया पर सूचनाओं का अथाह भंडार है, इसलिए आपको अपने उपयोग की खबरों पर ही ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस खबर में जनहित है, वहीं खबर सकारात्मक हो सकती है।
पीआईबी भोपाल के अपर महानिदेषक डॉ. पीजे सुधाकर ने पत्र सूचना कार्यालय के कार्यकलापों और संरचना के बारे में विस्तार से प्रकाष डाला और पत्रकारों की सरकारी मीडिया के बारे में जिज्ञासाओं को शांत किया। आकाषवाणी भोपाल के समाचार निदेषक मनीष गौतम ने कहा कि आंचलिक पत्रकार, पत्रकारिता की रीढ़ है। उन्होंने गांवों में ग्रामीण मीडिया मित्र बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अखबारों में गांव की खबर के नाम से पेज शुरू होना चाहिए। उन्होंने ग्रामीण पत्रकारों के लिए मानदेय और कुछ विषेष सुविधाएं देने का भी सुझाव दिया। प्रवाल सक्सेना संपादक फाइन टाइम्स ने कहा कि ग्रामीण पत्रकारों की राह आसान नहीं है। उन्हें खबर के साथ-साथ बिजनेस भी देना पड़ता है, जिससे पत्रकारों के हाथ बंध जाते हैं। उन्होंने कहा कि क्या ऐसा नहीं हो सकता कि रविवार के दिन वे सिर्फ सकारात्मक और विकासपरक समाचारों को ही अखबारों में जगह दें। न्यूज वर्ल्ड के राज्य ब्यूरों चीफ संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि टेक्नॉलॉजी लगातार बदल रही है, ऐसे में हमें लगातार अपने को अपडेट करते रहना होगा। स्थानीय पत्रकार ब्रजेन्द्र पाण्डे और अतुल शाह ने भी जन जागरूकता में ग्रामीण एवं स्थानीय पत्रकारों की भूमिका और ग्रामीण पत्रकारों की समस्याएं, चुनौतियां और अपेक्षाओं के बारे में विस्तार से जानकारियां दीं।
