जिस्मों का नहीं आत्मा का मिलन होता है प्रेम – आदित्य

adityaभोपाल। मशहूर अंतराष्ट्रीय तबलावादक एवं अहिंसावादी पार्टी के राष्ट्रीय
उपाध्यक्ष आदित्य नारायण बैनर्जी ने 14 फऱवरी को मनाये जाने वाले
वेलेंटाइन डे के सन्दर्भ में कहा कि ये दिन तो प्यार का दिन है और प्यार
तो किसी से भी हो जाता है। उसके लिए ये जरूरी नहीं कि दो विपरीत लिंग
वाले व्यक्ति विशेष में ही प्रेम संभव है। प्रेम तो किसी से भी हो सकता
है, समलैंगिक व्यक्ति से, पशु – पक्षी से, पर्यावरण से, खुली-खुली
वादियों से, तो ऊँचे-ऊँचे पर्वतों से। भगवान-अल्लाह-यीशु जीजस के बनाये
हर एक चीज़ से प्रेम हो सकता है तो इस प्रेम दिवस को खुल के जियो और और
प्यार बांटो, प्यार मिलेगा। इस भागदौड़ की दुनिया में प्यार की बेहद
अहमियत रहती है. श्री आदित्य ने बताया कि जब भी हम शुरुआत में म्यूजिकल
कंसर्ट्स के लिए अपने वतन से बहार जाते थे तो हम अपने आपको बेहद अकेला
महसूस करते थे, लेकिन हमने तब ही जान लिए कि प्रेम की कोई परिभाषा नहीं।
वो तो कहीं भी ऊपर वाले के बनाये किसी भी चीज से हो जाता है और जब आप
प्रेम बाँटना सिख गए तो फिर देखिये आपको कितना प्रेम मिलता है। क्या फर्क
पड़ता है ये प्रेम दिवस किसने बनाया। फर्क इस बात से पडऩा चाहिए कि आप इस
प्रेम दिवस पर कितना प्यार बाँट सकते हो. एक किसी गरीब को बच्चे को गोद
में उठा कर उसे एक चॉकलेट देखर देखिये, कितने आनंद की अनुभूति होगी। कभी
5 मिनिट का समय निकाल एक लाचार इंसान से उसका दु:ख-दर्द बाँट कर देखिये,
कितना आनंद आएगा। कभी किसी जीव, पशु-पक्षी को 2 मिनट प्यार करके देखिये
वो जिंदगी भर आपका गुलाम बन जायेगा। कभी तो यार बस एक बार किसी के लिए
नहीं, सिर्फ अपने लिए जरूर बनाये प्यार का दिवस, हर रोज मनाये, ये प्यार
का दिवस और ढेर सारा प्यार बांटे इस खूबसूरत सी दुनिया में.

संदीप बैनर्जी
मो. 9981966140

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