विश्व स्वयं संचालित सुन्दर व्यवस्था है: बाल.ब्र.सुमत प्रकाश भैया जी

WhatsApp-Image-20160520विदिशा में आयोजित ज्ञानांनद महोत्सव में बाल ब्रं. सुमत प्रकाश भैया जी ने अपने प्रवचन में कहा कि विश्व स्वंय संचालित सुन्दर व्यवस्था है , इसे जानने वाला ही अनंत आनंद को प्राप्त होता है, यदि आप दुखी है तो उसका कारण आप ही है, पूजा , पाठ, दान या किसी की कृपा से सुखी नहीं हो सकते, भौतिक सामग्री सुखी नहीं कर सकती है। पुण्य भाव और पुण्योदय दोनों से सुखी नहीं हो सकते। जीव लालच से दुखी है, सेक्स के कारण दुखी नहीं है, पत्नि होने पर भी स्त्री लंपटता से दुखी है। इष्र्या ,क्रोध ,मान माया लोभ से गरीब ही नहीं अमीर भी दुखी है। जिसे सच्चा सुख आत्मिक सुख अपने में मिल जाता है वह पदार्थो की चाह नहीं करता और अंत: मिलने पर भी लोभमान नहीें होता और न मिलने पर क्रोध मायाचारी नहीं होती, सुख का स्वरूप कारण एवं स्त्रोत आत्मा अपने में ही है।
श्री कृष्ण महान अहिंसा बादी थे : डां. भारिल्ल
प्रवक्ता डां. एमएल जैन ने बताया कि डां. हुकुमचंद जी भारिल्ल का अहिंसा पर व्याखयान एसएटीआई कालेज परिसर में हुआ।
इस अवसर पर स्वर्ण जयंती महोत्सव के शिल्पी डां. श्री भारिल्ल जी ने अपने प्रवचन में कहा कि श्री कृष्ण महान अहिंसावादी थे। महाभारत में गीता प्रवचन के पूर्व महाराज धृतराष्ट्र की सभा में युद्घ न हो इसके सभी प्रयास किए गए पर सफ ल न होने पर वह वापस द्वारिका चले गए, उन्होंने कहा जैन दर्शन भेद का विज्ञान है, श्री कृष्ण ने १८ दिन का जो दृश्य अर्जुन को बताया वही तो क्रम वद्घ पर्याय है। श्री कृष्ण ने अपने उपदेश में कहा था कि एक द्रव्य दूसरे द्रव्य का कुछ नहीं कर सकता।
व्याखयान से पूर्व हिन्दी साहित्य की महान कृति वैराग्य का वाचन राजकुमार प्रिंस एवं श्रीमति सुधाा चौधरी विदिशा ने समधुर स्वर में किया। जिसमें भगवान नेमी नाथ की दिव्य ध्वनि में बलराम द्वारा द्वारिका का भविष्य पूछने पर उत्तर में १२ वर्ष बाद दीपायन मुनि के श्राप से अग्रि में भस्म हो जावेगी, का विस्तृत वर्णन किया गया है। इस अवसर पर शिविर समिति द्वारा व्यापार महासंघ का सम्मान व डायलेसिस सेन्टर हेतु ११ हजार प्रदान किए, तथा सर्मपित सेवा समिति का सम्मान शिविर समिति की ओर से पांच हजार रूपए प्रदान किया गया। शिविर प्रशिक्षणार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

डॉ.एम.एल.जैन
जैन ऑप्टिकल्स,लोहा बाजार,विदिशा
मोब.9826271575
प्रवक्ता:
श्री वीतराग विज्ञान आध्यात्मिक शिक्षण प्रशिक्षण शिविर समिति विदिशा
श्री शीतलनाथ दिगम्बर बड़ा जैन मंदिर ट्रस्ट विदिशा

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