धरती की बुझे प्यास,सांसद प्रहलाद पटेल का प्रयास

क्षेत्र में नर्मदा लाने प्रयास तेज,केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने की कार्यवाही
pppदमोह/ जन के सूखे कंठों को गीला करने के लगातार प्रयास के बाद अब बुंदेलखंड में मां रेवा को लाकर धरती की प्यास बुझाने को लेकर किये गये दमोह सांसद प्रहलाद पटेल के प्रयास रंग लाने लगे हैं। ज्ञात हो कि गत दिवस क्षेत्र में नर्मदा लाने के संबध को लेकर सदन में मुद्दा श्री पटेल ने उठाया था तो वहीं दूसरी ओर केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती को लिखे गये उक्त मामले को लेकर पत्र पर कार्यवाही करते हुये सुश्री भारती ने कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। ज्ञात हो कि एक बडी समस्या जल को लेकर सांसद श्री पटेल ने क्षेत्र के जल स्त्रोंतों को बचाने के लिये कार्य करते हुये गत बर्ष नगर के ही बेलाताल से नियत समय एवं दिन में लगातार कार्य प्रारंभ किया था जो कि अब एक अभियान बन चुका है। नगर के सरोवरों में होने वाले लगातार सफाई एवं गहरीकरण के कार्य को इसी से जोड के देखा जा सकता है। वहीं लोकसभा क्षेत्र में जल संकट के आहट को पूर्व से भांपते हुये लोकसभा क्षेत्र की 14 जनपद पंचायतों के ग्राम पंचायतों में 280.92 लाख की लागत के उच्च गुणवत्ता वाले 204 टेंकर प्रदान किये गये। क्षेत्र की समस्याओं के समाधान तथा जन के बीच लगातार उपस्थित रहने वाले जन प्रतिनिधि के रूप में प्रहलाद पटेल इस समय क्षेत्र की जल समस्या के स्थाई समाधान की दिशा में लगातार प्रयास करने में लगे हुये हैं। सांसद श्री पटेल ने भारत सरकार की केन्द्रीय जल संसाधन,नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती को लिखे पत्र में नर्मदा जल बुंदेलखण्ड लाओ परियोजना की स्वीकृति के संबध में पत्र लिख स्वीकृति के लिये मांग की थी। श्री पटेल ने कहा था कि तीन जिले बुंदेलखण्ड के मेरे संसदीय क्षेत्र में आते हैं जिसमें दमोह,छतरपुर एवं सागर है। तीनो जिले जल संकट से जूझ रहे हैं समस्या के समाधान के लिये नर्मदा जल को लाने के विकल्प को प्रमाणिकता के साथ रखा गया है। सांसद श्री पटेल ने अपने पत्र में कहा था कि उक्त समस्या के निराकरण की दिशा में सर्वेक्षण के अनुसार विकल्प प्रेषित किये गये हैं। जिसमें प्रथम नर्मदा-व्यारमा संपर्क योजना है जिसमें मुरगाखेरा से झिनपिनी ढाना जिला नरसिंहपुर,द्वितीय नर्मदा-कोपरा सोनार संपर्क योजना चिनकी-नरसिंहपुर से बम्होरी-खतौला सागर,तृतीय नर्मदा-सोनार संपर्क एवं चतुर्थ चिनकी नर्मदा नदी नरसिंहपुर से नीम वाली घाटी एनएच 26 सागर नर्मदा नदी से व्यारमा,कोपरा एवं सुनार नदी संयुक्त संपर्क परियोजना से जल संकट का स्थायी हल हो सकता है। विकल्प एवं सुझाव के रूप में श्री पटेल ने प्रमाणिकता के साथ बात रखते हुये कहा था कि क्षेत्र में व्याप्त भीषण जल संकट के समाधान के लिये एक मात्र विकल्प है कि नर्मदा नदी पर अन रही चिनकी उमरिया उदवहन परियोजना से नीम वाली घाटी एनएच 26 सागर से सुरंग बनाकर व्यारमा,कोपरा एवं सुनार नदी में जल पहुंचाने से हो सकता है। जिसके कारण प्रधान मंत्री सिंचाई योजना एवं नदी जोडो कार्यक्रम की सार्थकता भी साबित होगी। महत्वपूर्ण एवं क्षेत्र के लिये प्रसन्नता की बात यह है कि केन्द्रीय मंत्री सुश्री भारती ने क्षेत्रीय सांसद के द्वारा उठाई गयी उक्त महत्वपूर्ण मांग के संबध में मंत्रायलय को समूचित कार्यवाही हेतु भेज दिया है। सूत्र बतलाते हैं कि शीघ्र योजना पर कार्य प्रारंभ होने जा रहा है जिससे दशकों से जल संकट से जूझ रहा बुंदेलखण्ड इस क्षेत्र के लोगों ने कंठ सूखे रहेंगे न ही धरती प्यासी रहेगी। लहलहायेंगी फसलें होगा धरती पुत्र किसान खुशहाल।

Dr.Laxmi Narayan Vaishnava

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