आईसीआईसीआई बैंक का ट्रांजेक्शंस को 30 लाख पहुंचाने का लक्ष्य

आईसीआईसीआई बैंक का मार्च 2017 तक ई-टोल प्लाजा के जरिए किये जाने वाले ट्रांजेक्शंस को 30 लाख पहुंचाने का लक्ष्य

ICICIआईसीआईसीआई बैंक का लक्ष्य मार्च 2017 तक राष्ट्रीय राजमार्गों पर अपने अंतः-परिचालनीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह सुविधा के जरिए 30 लाख ट्रांजेक्शंस को सुगम बनाने का लक्ष्य रखा है।

इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) की मदद से वाहन टोल प्लाजा पर रूके बिना इलेक्ट्रॉनिक तरीके से हाइवे टोल का भुगतान कर सकते हैं।

निजी क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा ऋण दाता और यह सुविधा प्रदान करने वाले इस पहले बैंक का लक्ष्य मोटरचालकों को 4 लाख टैग्स जारी करना है, ताकि वे राष्ट्रीय राजमार्गों पर आसानीपूर्वक टोल प्लाजा से होकर जा सकें।

बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, चंदा कोचर ने कहा, ‘‘आईसीआईसीआई बैंक का लक्ष्य 4 लाख ईटीसी टैग्स जारी करना है और मार्च 2017 तक 30 लाख ट्रांजेक्शंस दर्ज कराना है। ‘फास्टैग’ युक्त वाहन टोल प्लाजा के किसी भी ओर से निर्धारित लेन का प्रयोग कर टोल प्लाजा पर टैक्स का भुगतान करने के लिए लगने वाली लंबी-लंबी कतारों से बच सकते हैं।’’

ईटीसी टैग्स से मोटरचालकों को अधिक सुविधा होगी और वे टोल बूथ्स पर लगने वाले जाम से बच सकेंगे, क्योंकि ड्राइवरों को रूककर शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा और इससे उनके समय की भी बचत होगी।

सुश्री कोचर ने आगे कहा कि इसके फायदों को ध्यान में रखते हुए,यह तकनीक भारत में कैशलेस भुगतान के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।

वर्तमान में, प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर 343 आईसीआईसीआई बैंक-समर्थित लोकेशंस हैं, जो कि टोलयुक्त राष्ट्रीय राजमार्गों के नेटवर्क को लगभग 90 प्रतिशत तक घेरे हुए है।

अब तक, आईसीआईसीआई बैंक 30,000 से अधिक ‘फास्टैग्स’ जारी कर चुका है, जोकि प्रयोग में हैं। इसने सबसे पहले वर्ष 2013 में मुंबई-वडोदरा कॉरिडोर पर देश की यह पहली सेवा शुरू की।

टोल बूथ्स पर इलेक्ट्रॉनिक भुगतान करने के लिए, ‘फास्टैग’ नामक एक प्रीपेड रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएचडी) को वाहन के वाइडस्क्रीन पर चस्पा कर दिया जाता है।

जब कोई वाहन टोल प्लाजा को पार करती है, तो ‘फास्टैग’ पर लिखी गई जानकारी टोल प्लाजा पर लगे एक रीडर द्वारा ग्रहण कर ली जाती है।

फिर यह जानकारी बैंक को भेज दी जाती है, जो कि बैंक द्वारा स्थापित सेंट्रल क्लियरिंग हाउस में बने मोटरिस्ट के टैग प्रीपेड खाते से राशि काटने का संदेश भेजता है। फिर टोल शुल्क काट लिया जाता है और फिर यह राशि रियायतग्राही के खाते में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से चल जाती है।

ग्राहक क्रेडिट/डेबिट/नेफ्ट/आरटीजीएस या नेट बैंकिंग सहित कई तरीकों से अपने टैग खाते को रिचार्ज कर सकते हैं।

एनएचएआई पर भी फास्टैग के जरिए टोल का भुगतान करने हेतु ग्राहकों के लिए 10 प्रतिशत के कैशबैक की भी व्यवस्था है।

सुश्री कोचर ने कहा, ‘‘हम सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और इंडियन हाइवेज मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि भविष्य में अधिकाधिक राजमार्गों को ईटीसी के दायरे में ला सकें।’’

इसका लक्ष्य भारत में भुगतान प्रणालियों को सुरक्षित, सरल, अधिकृत, कुशल एवं सुगम बनाना है।

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