श्री गोवर्द्धन-पुरूषोत्तम भगवान प्राण प्रतिष्ठा समारोह: भव्य शोभायात्रा

इतनी विराट रही यह आध्यात्मिक शोभायात्रा कि अतीत की सभी धार्मिक, सामाजिक राजनीतिक, रैलियां फीकी पड़ गईं, बाहर से पधारे हजारों श्रद्धालुओं ने चल समारोह को बनाया कई किलोमीटर लम्बा व्यापक
चल समारोह का स्थान-स्थान पर हुआ परम्परागत स्वागत, वंदन-अभिनंदन, हुई पुष्प वर्षा
बाहर से पधारी महारास मण्डली के भगवान श्री कृष्ण-श्रीराधाजी स्वरूपों के महारास ने सबको मंत्र मुग्ध किया
जल ट्रॉली मंच पर महारास कर रहे श्रीराधा-श्रीकृष्ण स्वरूप के साथ श्रद्धालुओं को सेल्फी लेने में कठिनाई हुई तो भगवान सड़क पर कूद पड़़े, राधाजी भी पीछे नहीं रहीं, फिर परमेष्वरी-परमेष्वर दोनो ने सेल्फी ही नहीं खिचवाई, सड़क पर श्रद्धालुओं के साथ महारास नृत्य भी किया
धार्मिक केषरिया वस्त्रधारी हजारों बालिकाओं-महिलाओं ने शीष पर मंगल कलष धारण कर लिया भाग

vidisha samacharविदिषा-03 सितम्बर 2016/स्थानीय विट्ठल नगर स्थित कल्याण पुष्टिधाम में प्रभू श्री गोवर्द्धननाथजी की नवनिर्मित दिव्य-भव्य हवेली में प्रभू श्री गोवर्द्धन नाथजी, श्री श्रीनाथजी तथा श्री कल्याणरायजी की पावन प्राण-प्रतिष्ठा की पुनीत बेला में आज जिला मुख्यालय पर विषाल दिव्य-भव्य शोभायात्रा निकाली गई। यह विराट मंगल-कलष शोभायात्रा माधवगंज से प्रारंभ होकर डण्डापुरा स्थित श्री चिंतामणि गणेष मंदिर पर सम्पन्न हुई। इसकी विराटता का अनुमान इसी से किया जा सकता है इसका एक-छोर, दूसरे छोर से कोई 3 कि.मी. से भी अधिक दूर रहा। इसमें हजारों की संख्या में केषरिया वस्त्रधारी बालिकाओं-महिलाओं के शीष पर मंगल-कलष धारण कर भाग लिया। इनमें सैंकड़ों की संख्या में वे श्रद्धालु महिलाएं-बालिकाएं भी सम्मिलित रहीं जो इस आयोजन में बाहर से देष के कोने-कोने से अपने परिजनों के साथ विदिषा पधारीं हैं।
ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया शोभायात्रा ने
यह शोभायात्रा इतनी विराट रही कि अतीत की सभी धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक रैलियां फीकी पड़ गई। नारी महाषक्ति की महाभागीदारी ने इसे विषेष रूप से ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित करने वाली सबसे विराट शोभायात्रा बनाया। इसमें विदिषा क्षेत्र के बाहर से देष के कोने-कोने से अपने परिजनों के साथ पधारीं स्त्री-षक्ति भी अपने परिजनों सहित सम्मिलित रही। यह शोभायात्रा इतनी विषाल रही कि इसका एक-छोर, दूसरे छोर से 3 कि.मी. से अधिक दूर रहा। वहीं, लगभग इतनी ही बड़ी संख्या में पुरूष श्रद्धालुओं ने भी उसी उत्साह से भाग लिया। महोत्सव के मुख्य मनोरथी-यजमान श्रीमती ललितादेवी-विट्ठलदास डांगरा सभी श्रद्धालुओं के साथ विनयावनत भाव से परिजनों, संबंधियों, इष्ट-मित्रों, सहयोगियों सहित पदयात्रा करते रहे। वरिष्ठ धर्माधिकारी पं. गिरधर गोविन्द शास्त्री ने इस शोभायात्रा की विषेष शोभा बढ़ाई। युवा शक्ति में विषेष उत्साह रहा। युवकगण नृत्य करते चल रहे थे। प्रख्यात युवा बुद्धिजीवी समाजसेवी मनीष माहेष्वरी चल समारोह में सबसे आगे चलकर सतत व्यवस्थाएं बनाने में लगे रहे।
स्थान-स्थान पर हुआ स्वागत-अभिनंदन, पुष्पवर्षा
इस पवित्र शोभायात्रा का नगर में स्थान-स्थान पर परम्परागत भव्य स्वागत, वंदन तथा आत्मीय अभिनंदन हुआ। पुष्पवर्षा भी होती रही। जब यह शोभायात्रा नगर के मध्य निकासा क्षेत्र में पहुंची तो जय महामाई मंदिर के संजू प्रजापति के नेतृत्व में प्रजापति विकास परिषद के बैनर तले पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। यह क्रम निरंतर जारी रहा।
महारास ने ऐसा मंत्रमुग्ध किया….
बाहर से पधारी महारास मण्डली के भगवान श्रीकृष्ण-श्री राधाजी स्वरूपों के महारास ने सबको मंत्रमुग्ध किया। जब ट्रॉली मंच पर महारास कर रहे श्री परमेष्वर-श्री परमेष्वरी के साथ सेल्फी लेने में श्रद्धालुओं को असुविधा हुई तो भगवान मंच से अचानक सड़क पर कूद पड़े और श्री राधाजी भी पीछे नहीं रहीं। फिर क्या था, परमेष्वर-परमेष्वरी स्वरूपों ने सबको सेल्फी लाभ तो दिया ही, साथ ही सड़क पर भी बड़ी देर तक श्रद्धालुओं, विषेष रूप से महिलाओं के साथ महारास नृत्य कर सबको धन्य और कृत-कृत्य कर दिया।
महाराजश्री गोस्वामीजी रथारूढ़ रहे शोभायात्रा में
अनेक रथों पर भगवान श्री कृष्ण के स्वरूप राधाजी स्वरूप के साथ विराजमान होकर श्रद्धालुओं को नमन करने प्रेरित कर रहे थे। जगद्गुरू श्रीमद् वल्लभाचार्य महाप्रभूजी भी चित्र के रूप में रथारूढ़ रहे। महाप्रभूजी द्वारा प्रस्थापित पुष्टि मार्ग के शुद्धाद्वैत षष्ठ पीठाधीष्वर श्री द्वारकेषलालजी महाराज जिनकी प्रेरणा तथा सानिध्य में यह महोत्सव आयोजित हुआ है, ने भी रथारूढ़ होकर शोभायात्रा की शोभा बढ़ाई। श्रद्धालुगण उनके चंवर डुलाते, पंखा झलते रहे।
ढपले वाले भी रहे केषरिया परिधान में
शोभायात्रा में एक ओर जहां दर्जनों स्पीकरों वाला ट्रक, डीजे तथा बेण्ड-बाजे तो अवसरानुकूल गायन-वादन कर ही रहे थे, वहीं दूसरी ओर दर्जनों ढपले वाले भी धार्मिक केषरिया परिधान धारण कर ढपलों पर थाप दे रहे थे। गम्मत पार्टियां गम्मत तो कीर्तन मण्डलिया कीर्तन कर रहीं थीं। दुल-दुल घोड़ी भी बड़ा आकर्षण का केन्द्र रही। शोभायात्रा में सबसे आगे केषरिया-भगवा ध्वजधारी अष्वारोही सुसज्जित अष्वों पर आसीन थे। धर्म ध्वज तो सर्वत्र लहरा रहे थे। सबसे अंत में कारों का बड़ा काफिला शामिल रहा।

मनीष माहेष्वरी
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मेडिकल स्टोर, डॉ. इन्दू जैन हॉस्पिटल,
अस्पताल मार्ग विदिषा

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