आगरा। ग्रामीण विकास संघर्ष समिति ने सोमवार को ग्राम दहतोरा में मनाया। इस मौके पर ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के सभी सदस्यों और बच्चों ने डॉ. एस राधा कृष्ण की तस्वीर को नमन कर और केक काटकाट उन्हें याद किया। इसके बाद ग्रामीण विकास संघर्ष समिति कार्यालय पर षिक्षक दिवस और डॉ. एस राधा कृष्ण के जीवन पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस मौके पर ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के संयोजक डॉ. सुनील राजपूत ने कहा कि आज का दिन गुरुओं और शिक्षकों को अपने जीवन में उच्च आदर्श जीवन मूल्यों को स्थापित कर आदर्श शिक्षक और एक आदर्श गुरु बनने की प्रेरणा देता है। गुरु या शिक्षक का संबंध केवल विद्यार्थी को शिक्षा देने से ही नहीं होता बल्कि वह अपने विद्यार्थी को हर मोड़ पर उसको राह दिखाता है और असका हाथ थामने के लिए हमेशा तैयार रहता है। विद्यार्थी के मन में उमडे हर सवाल का जवाव देता है और विद्यार्थी को सही सुझाव देता है और जीवन में आगे बढ़ने के लिए सदा प्रेरित करता है।
ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि शिक्षक का दर्जा समाज में हमेशा से ही पूज्यनीय रहा है। कोई उसे गुरु कहता है, कोई शिक्षक कहता है, कोई आचार्य कहता है, तो कोई अध्यापक या टीचर कहता है ये सभी शब्द एक ऐसे व्यक्ति को चित्रित करते हैं, जो सभी को ज्ञान देता है, सिखाता है और जिसका योगदान किसी भी देश या राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करना है। सही मायनो में कहा जाये तो एक शिक्षक ही अपने विद्यार्थी का जीवन गढता है। और शिक्षक ही समाज की आधारशिला है। एक शिक्षक अपने जीवन के अन्त तक मार्गदर्शक की भूमिका अदा करता है और समाज को राह दिखाता रहता है, तभी शिक्षक को समाज में उच्च दर्जा दिया जाता है। माता-पिता बच्चे को जन्म देते हैं। उनका स्थान कोई नहीं ले सकता, उनका कर्ज हम किसी भी रूप में नही उतार सकते, लेकिन एक शिक्षक ही है जिसे हमारी भारतीय संस्कृति में माता-पिता के बराबर दर्जा दिया जाता है। ब्रह्मानंद राजपूत ने डॉ. एस राधा कृष्ण के जीवन पर प्रकाष डालते हुये कहा कि वह निष्काम कर्मयोगी, करूण हृदयी, धैर्यवान विवेकशील और विनम्र थे। उनका आादर्श जीवन भारतीयों के लिये स्रोत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मानवता के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्हीं को आदर्श मानकर आज पूरे भारत में शिक्षक दिवस पूरे धूमधाम से मनाया जाता है। डॉ. एस राधा कृष्ण से सभी को अपने जीवन में उच्च आदर्श जीवन मूल्यों को स्थापित कर प्रेरणा लेनी चाहिये।
ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के विष्णु मुखिया ने कहा कि एक शिक्षक या गुरु द्वारा अपने विद्यार्थी को स्कूल में जो सिखाया जाता हैं या जैसा वो सीखता है वे वैसा ही व्यवहार करते हैं। उनकी मानसिकता भी कुछ वैसी ही बन जाती है जैसा वह अपने आसपास होता देखते हैं। इसलिए एक शिक्षक या गुरु ही अपने विद्यार्थी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
इस मौके पर डॉ. सुनील राजपूत, ब्रह्मानंद राजपूत, विष्णु मुखिया, रामबाबू, उमेष राजपूत, रजत लोधी, जीतू राजपूत, पवन लोधी, हेमेन्द्र सिंह, गौरव राजपूत, षिवा बघेल, सतीश राजपूत, सोनू राजपूत, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
