स्कूल से लेकर कॉलेज और नौकरियों तक हर जगह होता है आरक्षण. एक जनरल केटेगरी से क्या आरक्षित होना इतना सौभाग्यपूर्ण है और जनरल होना इतना दुर्भाग्यपूर्ण. भारत में जातियों को लेकर आरक्षण बहुत समय पहले से है. हालाँकि पहले के ज़माने में आरक्षित होना नीची बात समझी जाती लेकिन धीरे-धीरे यह एक प्रकार का चलन बन गया. आज जनरल होना एक दुर्भाग्यपूर्ण बात है क्यूंकि जनरल से अधिकार छीन कर आरक्षित जातियों के पाले में चले गये हैं. इसी मुद्दे पर खुलकर बोले बिग बॉस के संभावित चर्चित प्रतियोगी राज महाजन. भारत जैसे स्वतंत्र देश में सभी को अपने विचार रखने का पूरा हक़ है. आरक्षण जैसे ज्वलंत मुद्दे पर पहली बार सोशल मीडिया के माध्यम से खुली चर्चा करते नज़र आये राज महाजन. यहाँ राज ने एक आम आदमी की नज़र से अपने विचार रखें हैं. क्या गुजरती है एक आम आदमी के मन पर जब कोई आरक्षित उसके सपने रौंद कर चल देता है. यहाँ न राज किसी ऊँचे पद इस विडियो में राज अपनी बात कह रहे हैं एक आम आदमी की हैसियत से.
सुनने में आया है कि सरकार के एक नए नियम के मुताबिक 26 वर्ष से अधिक आयु वाले लोग UPSC की परीक्षा अब से नहीं दे सकेंगे. और इसमें ख़ास बात है यह नियम सिर्फ जनरल केटेगरी पर ही लागू है. आरक्षित जातियों को इससे अलग ही रखा गया है. इस पर राज ने एक खुली बहस छेड़ दी है. राज के मुताबिक ऐसा करके सरकार ‘जनरल केटेगरी’ के लोगों के साथ कहीं न कहीं अन्याय कर रही है. सरकार जनरल केटेगरी वाले सिर्फ मुंह देखते रह जाए.
राज के अनुसार गधे को घोड़ा बनाने की सरकार इस राजनीति से ऐसा वर्ग जो किसी तरह के आरक्षित वर्ग में नहीं आता वो आहत होता है. एक तरफ 100 फीसदी नंबर लाने वाला और दूसरी तरफ 40 फीसदी से पास होने वाला. लेकिन इस राजनीतिकरण के चलते आगे कौन बढ़ता है. जिसके 40 क्यूंकि उसका ताल्लुक किसी आरक्षित वर्ग से है. इसलिए आम वर्ग रह जाता है पीछे और काबिलियत न होते हुए भी कम नंबर वाला निकल जाता है आगे यानि “गधे को बना दिया जाता है घोड़ा”.
इतना ही नहीं इससे पहले कोटा सिस्टम के तहत यह नियम लागू किया किया गया था कि कुछ या फिर किसी नौकरी का आवेदन हो. इन आरक्षित सीटों के तरह SC-ST-OBC आगे निकल सकते हैं. इतना ही नहीं अगर किसी आरक्षित वर्ग के बच्चे के एंट्रेंस टेस्ट में नंबर कम आते हैं तो भी उसका एडमिशन इस आधार पर दिया जाता है क्यूंकि वह किसी आरक्षित वर्ग से आता है. वहीँ जनरल वाले को नंबर आने के बाद भी प्राथमिकता नहीं दी जाती. यह पूर्णत गलत है और इसके विरोध में युवा वर्ग को आवाज़ उठानी होगी. ऐसा मानना है राज महाजन का. राज कहते हैं अगर कम काबिलियत वाले लोगों के हाथों में देश की बागडोर सौंप देंगे तो देश का सत्यानाश होने से कोई नहीं रोक पायेगा. जो जिस लायक है उसे वही काम करना कुशल और परिश्रमी लोगों के हाथ में होनी चाहिए राष्ट्र की बागडोर.
सभी वर्गों को एक सामान रूप से देखने वाले राज का कहना है कि इस सबसे पार पाने के लिए आरक्षण खत्म किया जाए. किसी को मौका तभी मिलना चाहिए जब वह उस मौके के लायक हो. SC-ST होना किसी काबिलियत का आधार नहीं माना जाना चाहिए. राज ने तो यहाँ तक कहा कि SC-ST जैसे आरक्षित वर्गों को मिलने वाली सुविधा बंद कर देनी चाहिए. समानता का अधिकार सभी का होना चाहिए और इस समानता के दायरे में सरकार को सभी को लाना चाहीये. हर बात में SC-ST को छूट देना गलत है. बदलाव के लिए उन्होंने यूथ का आह्वाहन किया है. राज कहते हैं बदलाव लाना बेहद ज़रूरी है. सालों से चले आ रहे इस कास्ट सिस्टम को अब बंद होना पड़ेगा. जाति मायने नहीं रखती काबिलियत मायने रखती है. ज़रूरत पड़ने पर धरना प्रदर्शन से भी पीछे नहीं है राज महाजन. सरकार को चेताने के लिए अगर अगर सरकार से आमना-सामने होना पड़े तो भी हमें पीछे नहीं हटना चाहिए.
इस सभी बातों से जान पड़ता है कि एक आम आदमी कितना झुलसा हुआ है अंदर से इस कास्ट जाति-पाति का भेदभाव अब बंद होना चाहिए. जबरदस्ती किसी एक केटेगरी को ऊपर उठाना गलत है. हाल ही में बिग बॉस को लेकर चर्चा में आये राज महाजन इस मुद्दे को लेकर काफी सक्रिय हो गए हैं. कलाकार होने के नाते अपनी कला के माध्यम से राज पहल कर रहे हैं आरक्षण जैसे कीड़े को मिटाने की. जो अंदर ही अंदर बिना आवाज़ किये देश को खोखला कर रहा है. राज ने एक फिल्म बनाने की घोषणा भी की है जिसके माध्यम से देश और लोगों को आरक्षण से होने वाले नुक्सान के बारे में बताएँगे. लोगों से अपील करते हुए राज ने कहा है जो भी उनकी बातों से सहमत है वो इस मुहिम में मेरा साथ दे. राज उसकी बागडोर काबिल हाथों में देंगे न ही आरक्षित हाथों में.
विडियो के हाइलाइट्स को निम्न लिंक के माध्यम से देख सकते हैं –
