आगरा। ग्रामीण विकास संघर्ष समिति ने बुधवार को नगर निगम के सीमा विस्तार के प्रस्ताव के विरोध में ग्राम दहतोरा में बैठक की। इस मौके पर ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के प्रमुख लोग मौजूद रहे। बैठक में ग्रामीण विकास संघर्ष समिति ने नगर निगम के सीमा विस्तार के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया।
ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के संयोजक डॉक्टर सुनील राजपूत ने कहा की जिन गाँव को नगर निगम अपनी सीमा का विस्तार कर रहा है वो सभी गाँव पहले से ही टोरेंट का विरोध इस आधार पर कर रहे है कि वो ग्राम पंचायत में आते है तो टॉरेंट उनका अधिग्रहण कैसे कर सकती है। गाँव वालों के इसी विरोध को दबाने के लिए टोरेंट ने प्रशासन से प्रशासन से सेटिंग कर के गाँव को नगर निगम सीमा विस्तार के नाम पर अधिग्रहण करने की योजना बना ली, जिसको ग्रामीण विकास संघर्ष समिति सफल नही होने दोगी। जल्द ही टोरेंट व नगर निगम से प्रभावित सभी गाँव की महापंचायत बुलाई जाएगी जिसमें टोरेंट व नगर निगम को गाँव की सीमा से कैसे बाहर किया जाए इसकी रणनीति बनाई जाएगी। ज़रूरत पड़ी तो ग्रामीण विकास संघर्ष समिति सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी।
बैठक को संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि 33 गांव के नगर निगम के सीमा विस्तार का प्रस्ताव अगर सरकार पास करती है तो सपा सरकार को इसका खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में भुगतना पडेगा। इसलिये अखिलेष सरकार को ऐसा कोई भी प्रस्ताव पास करने से बचना चाहिये। क्योंकि यह प्रस्ताव ग्रामीण जनता के हित में नहीं है। इससे गांवों की गरीब जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। ग्रामीण जनता पर तमाम तरह के टैक्स लगाये जायेंगे। ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि नगर निगम सीमा विस्तार का सभी 33 गाँव विरोध कर रहे हैं इस बीच मंडलायुक्त साहब ने किस पक्ष से बात कर बीच का रास्ता निकाला है और सिर्फ तीन गाँवों को सीमा विस्तार से बाहर किया है। ये आगरा मंडलायुक्त को बताना चाहिए। 33 गाँव के कितने लोगों से आगरा मंडलायुक्त ने बात की और किससे बात की यह भी बताना चाहिये। उन्होने कहा कि वर्तमान में नगर निगम पर शहर की सफाई व पानी की व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं हो पा रही है न हीं उक्त क्षेत्र में नगर निगम कोई विकास कार्य कर पा रहा है। फिर भी पता नहीं वह 34 गांवों को नगर निगम की सीमा में विलय क्यों करना चाहता है। ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि ग्रामीण विकास संघर्ष समिति जितने भी गाँव नगर निगम में शामिल किये जा रहे हैं, उनके साथ इस आंदोलन को बढाया जायेगा। और जल्द ही आगे के आन्दोलन की रुपरेखा तैयार की जायेगी।
ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के विष्णु मुखिया ने कहा कि आज नगर निगम आगरा के 33 गांवों का अस्तित्व ही खत्म करने पर तुला हुआ है। सरकार को नगर निगम के प्रस्ताव को निरस्त कर देना चाहिए। अगर सरकार इस प्रस्ताव को निरस्त नहीं करती है तो ग्रामीण जनता को आन्दोलन करने पर मजबूर होना पडेगा।
हेमेंद्र सिंह ने कहा कि नगर निगम की सीमा विस्तार के पुनः निरीक्षण के बाद जिन गाँव को नगर निगम की सीमा से बाहर किया है वो एक जाति विशेष के गाँव है जिनको राजनीतिक पहुँच के तहत बाहर किया जबकि अन्य गाँव को बाहर नही किया गया है, अगर प्रशासन ईमानदारी से काम करता तो एक गाँव तो अन्य समाज का होता। इसको लेकर सभी गाँव में रोष व्याप्त है जल्द ही बड़ा आन्दोलन किया जाएगा। ज़रूरत पड़ी तो सभी ग्रामीण अपनी गाय भैंस के साथ नगर निगम का घेराव करेगे।
इस मौके पर अजय चौधरी, जीतू राजपूत, रजत लोधी, उमेष राजपूत, लखन षर्मा, योगेश, रामबाबू, निनुआ खान, यषपाल सिंह, थानसिंह, वीरेन्द्र राजपूत, गौरव राजपूत, सुनील लोधी, खेमसिंह, राहुल खान, षिवा बघेल, सोनू राजपूत, मुकेश राजपूत, छोटू लोधी, चोबसिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।