भाजपा,कांग्रेस आमने सामने तो गोडंवाना ने त्रिकोणी बनाया मुकाबला

शहडोल उप चुनाव पर लगी निगाहें,भाजपा,कांग्रेस दोनो ठोक रहे ताल

shahdolडा.एल.एन.वैष्णव
भोपाल /प्रदेश के शहडोल में होने जा रहे लोकसभा के उप चुनाव को लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी एवं विपक्षी दल कांग्रेस अपने-अपने दावे जीत के दावे कर रहे हैं तो वहीं गोडवाना पार्टी के प्रत्यासी की स्थिति को देखते हुये चुनाव त्रिकोणीय होने की स्थिति से भी इंकार नहीं किया जा सकता। विदित हो कि आगामी 19 नबम्बर को लोकसभा क्षेत्र के रिक्त हुये स्थान को भरने के लिये निर्वाचन की प्रक्रिया सम्पन्न होना है। मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुये चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने वाले प्रत्यासियों में से किसी एक को लोकसभा में भेजकर रिक्त हुये स्थान को भरेंगे। जहां एक ओर राजनैतिक दलों द्वारा अपने स्तर पर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन करते हुये जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उनके सहयोगी शांति पूर्वक निर्वाचन सम्पन्न कराने की पूरी तैयारी में लगे हुये देखे जा सकते हैं।
17 अभ्यर्थी चुनाव मैदान में-
प्राप्त जानकारी के अनुसार .शहडोल संसदीय क्षेत्र उप निर्वाचन 2016 , के लिए अब 17 अभ्यर्थी चुनाव मैदान में हैं जिनके चुनाव चिन्ह निम्नानुसार है । इण्डियन नेशनल कांग्रेस की उम्मीदवार सुश्री हिमाद्री सिंह को हाथ, गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी के हीरा सिंह मरकाम को आरी , भारतीय जनता पार्टी के ज्ञान सिंह को कमल , भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी से परमेश्वर सिंह को बालि और हंसिया, कोमल बैगा निर्दलीय को गुब्बारा , श्रीमती अनुराधा पाटिले निर्दलीय को गैस सिलेण्डर ,अमित पडवार पिता भा0 श.चे.पार्टी को बांसुरी , सज्जन सिंह परस्ते अपना दल को कप और प्लेट , विमल बैगा निर्दलीय को आटो रिक्शा , शेषराम बैगा निर्दलीय कांच का गिलास, शिवचरण पाव निर्दलीय को हारमोनियम, कृष्णपाल बैगा पावेल लोक जन शक्ति पार्टी एयर कन्डीशनर , पारवती पिता निर्दलीय ब्लैक बोर्ड, अमरपाल सिंह निर्दलीय को आलमारी , झमक लाल वनवासी निर्दलीय को बल्ला, राम सुन्दर बैगा को निर्दलीय को चूडियां, कैलाश पिता सेम लाल कोल आई0 ई0डे0 पार्टी को छड़ी चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है ।
क्या रहे थे 2014 के परिणाम-
गत 2014 में सम्पन्न हुये लोकसभा के आम निर्वाचन के परिणामों पर नजर डालें तो भारतीय जनता पार्टी के दलपत सींग परस्ते को 5,25,419 यानि 54.22 प्रतिशत मत प्राप्त हुये थे और विजयश्री उनको प्राप्त हुई थी। जबकि मुख्य प्रतिद्वन्दी कांग्रेस के प्रत्यासी राजेश नंदनी सींग को 2,84,118 यानि 29.32 प्रतिशत मत प्राप्त हुये थे। जबकि तीसरे स्थान पर सीपीआई के परमेश्वर सींग को 27.619 यानि 2.85 प्रतिशत,गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राम रतन सींग को 20.834 यानि 2.15 प्रतिशत,आप पार्टी के इंजी.विजय कुमार कोल को 20.312 यानि 2.10 एवं नोटा को 21.376 यानि 2.21 मत प्राप्त हुये थे।
पांच बार भाजपा तो कांग्रेस रही छैःबार-
गत लोकसभा के परिणामों पर नजर डालें तो यहां से अभी तक छह बार कांग्रेस और पांच बार भाजपा ने विजयश्री का वरण किया है।ज्ञात हो कि 1996 एवं 1998 में ज्ञान सिंह यहां से सांसद रह चुके है,क्षेत्र के तहत चार जिले आते हैं। ज्ञात हो कि लोकसभा क्षेत्र में शहडोल के जैतपुर-जयसिंहनगर, उमरिया जिले के बांधवगढ़-मानपुर अनूपपुर सहित पुष्पराजगढ़, कोतमा व और कटनी जिले का बड़वारा विधानसभा क्षेत्र शामिल है। वर्तमान में छैः पर भाजपा, दो पर कांग्रेस विधायक है।
भाजपा की रणनीति,सत्ता संगठन मैदान में डटे-
राज्य की शहडोल लोकसभा के रिक्त हुये प्रतिनिधि के स्थान को भरने के लिये उप चुनाव होने जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी संगठन अपनी पूरी शक्ति के साथ रणनीति पर कार्य कर रही है तो वहीं प्रदेश सरकार का भी यही प्रयास है। ज्ञात हो कि प्रदेश के ही रतलाम एवं झाबूआ के परिणामों को लेकर भाजपा किसी तरह का जौखिम नहीं उठाना चाहती वह हर हाल में यह चुनाव अपने पक्ष में चाहती है। वहीं कांग्रेस भी उक्त दोनो परिणामों की तरह यह चुनाव को अपने पक्ष में करने की पूरजोर कोशिश में लगी हुई है।
भाजपा की फौज मैदान में-

डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव
डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने उक्त सीट पर विजय के लिये जिस अभियान की शुरूआत की है । उसके तहत उसने उपर से लेकर निचले स्तर तक किले बंदी करना प्रारंभ पूर्व से कर दिया था। सूत्र बतलाते हैं कि संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों,मंत्रियों सहित पांच दर्जन के लगभग संख्या है। जिनके कंधों पर भाजपा के पक्ष में मतदाता को मत देने के लिये मानस तैयार करना है। सूत्रों की माने तो संघ,भाजपा एवं सरकार सभी सर्वे पार्टी को चिंतित करने की ओर ईशारा कर रहे हैं। भाजपा किसी भी स्थिति में यह उप चुनाव अपने पक्ष में चाहती है। जानकार बतलाते हैं कि शहडोल उप चुनाव भाजपा के लिये दूरगामी परिणाम साबित होंगे। भाजपा संगठन ने सीट पर जीत प्राप्त करने हेतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार, केंद्रीय मंत्री व संगठन महामंत्री के अलावा सात मंत्रियों सहित 57 सदस्यीय चुनाव संचालन समिति का गठन किया है। स्ूत्र बतलाते हैं कि समिति के अनेक सदस्यों ने से इस क्षेत्र मेंडेरा डाल लिया है। वहीं नेपानगर (खंडवा) विधानसभा सीट की जिम्मेदारी ग्वालियर-चंबल के संगठन मंत्री शैलेंद्र बरुआ को सौंपी गयी है।प्रदेश सरकार ने इसी रणनीति के तहत हालांकि आचार संहिता लगने से पूर्व ही पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने सैकड़ों करोड़ की बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर दी हैं।
चुनाव संचालन समिति-
प्राप्त जानकारी के अनुसार चुनाव संचालन समिति में पांच विधायक, चार जिलाध्यक्ष, छह पूर्व विधायक, आठ महामंत्री को रखा गया है । सूत्र बतलाते हैं कि स्थानीय विधायक व आदिम जाति कल्याण मंत्री ज्ञान सिंह के नेतृत्व में यह टीम काम करेगी। वहीं प्रदेश महामंत्री अजय प्रताप सिंह पहले से ही शहडोल में डेरा डाले हुये हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेशाध्यक्ष की व्यवस्था के अनुसार ज्ञान सिंह सहित सात मंत्री शहडोल संसदीय सीट की आठों विधानसभाओं में अलग-अलग काम सौंपा गया है। भूपेंद्र सिंह, जयभान सिंह पवैया, विश्वास सारंग, संजय पाठक, लालसिंह आर्य और ललिता यादव के नाम बतलाये जाते हैं।
गोंडवाना को जोगी का समर्थन से त्रिकोणी मुकाबला-
शहडोल लोकसभा क्षेत्र के रिक्त स्थान को भरने के लिये होने जा रहे आगामी 19 नबम्बर को मतदान के पूर्व की स्थिति पर नजर डालें तो जो चुनाव आमने सामने दिख रहा था उसको अब राजनीति के जानकार त्रिकोणी होने बात कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार जबकि यह स्थिति भाजपा के पक्ष में जा सकती है ?विदित हो कि गोंडवाना पार्टी ने हीरा सिंह मरकाम को चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि हाल ही में नवगठित दल छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) के अध्यक्ष अजीत जोगी ने भी समर्थन दे रखा है।
बतलादें कि इस सीट से लगा विधानसभा क्षेत्र मरवाही जोगी का क्षेत्र है, जिसके चलते शहडोल में भी आदिवासियों के बीच अजीत जोगी की मजबूत पकड़ है वे इस लोकसभा क्षेत्र से भी पूर्व में चुनाव लड़ चुके हैं। सूत्रों की माने तो चुनाव का पहाड़ी बनाम मैदानी क्षेत्र हो गया है । पहाड़ी इलाके से कांग्रेस की हिमाद्री सिंह और गोंडवाना के हीरासिंह मरकाम आते हैं, वहीं उमरिया के मैदानी इलाके से भाजपा के ज्ञान सिंह हैं।
भाजपा,कांग्रेस दोनो के प्रत्यासियों को लेकर नाराजगी-
शहडोल लोकसभा के उपचुनाव को लेकर प्रत्यासियों को अंतर विरोध का सामना करना पड रहा है हालांकि नेता इस प्रकार की समस्या को समाप्त कर लेने के दाबे करते रहे हैं। ज्ञात हो कि भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस को स्थानीय नेताओं के विरोध की जमकर चर्चा रही थी। विदित हो कि कांग्रेस के पूर्व विधायक बिसाहूलाल सिंह टिकट न मिलने से नाराज तो थे ही, वहीं अब दुघर्टना में चोट लगने से पूरी सक्रियता के साथ चुनाव प्रचार में नहीं उतरने से चर्चाओं में है? इसी प्रकार विंध्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह बेटे की शादी के चलते व्यस्त बतलाये जाते हैं। सूत्र बतलाते हैं कि संगठन ने मैहर विधानसभा में मिली हार के चलते उन्हें यहां जिम्मेदारी से दूर रखा है। ज्ञात हो सिंह का गृह जिला शहडोल से लगा होने से उनका प्रभाव क्षेत्र में है। इसी क्रम में सूत्र यह भी बतलाते हैं कि सुंदरलाल तिवारी को भी कांग्रेस ने दूर रखा है तिवारी का क्षेत्र के ब्राह्मणों में गहरा प्रभाव बतलाया जाता है। बात करें भाजपा की तो स्थानीय नेताओं की नाराजगी अभी दूर नहीं हुई है सूत्र बतलाते हैं कि पूर्व विधायक सुदामा सिंह टिकट न मिलने से नाराज हैं तो वहीं दूसरी ओर विधायक रामलाल रोतेल मंत्री न बनाए जाने से सक्रिय नहीं दिखा रहे हैं। इसी प्रकार मीना सिंह एवं नरेंद्र मरावी भी सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं जो कि चर्चाओं में बना हुआ है ?
भाजपा के दावे में आता दम-
शहडोल लोकसभा चुनाव के परिणाम अपने पक्ष में होने का दावा करने वाले भारतीय जनता पार्टी की स्थिति में सुधार होने के जानकारी राजनीति के जानकार बतलाते हैं? लोकसभा प्रत्यासी ज्ञान सिंह के प्रभाव क्षेत्र पर नजर डालें तो जानकार बतलाते हैं कि इनका प्रभाव उमरिया जिले के बाहर कम बतलाया जाता है। बतलाया जाता है कि क्षेत्र में पहाड़ी इलाका (पाठ) बनाम उमरिया-शहडोल चुनाव होता है । पाठ में पुष्पराजगढ़ के साथ किरर घाट का क्षेत्र आता है जहां पर शतप्रतिशत आदिवासी निवास करते हैं। बतलादें कि इसी क्षेत्र से सांसद बनते रहे हैं उदाहरण के रूप में देंखे तो दलपत सिंह परस्ते, दलबीर सिंह जैसे नाम समाने हैं। इस क्षेत्र से ही कांग्रेस की हिमाद्री एवं गोंडवाना के हीरासिंह मरकाम हैं । विदित हो कि अभी तक यहां कांग्रेस का प्रभाव रहा है, परन्तु गोंडवाना प्रत्याशी के चुनाव में कूदने से पूर्व की परिस्थिति बदलने लगी है। वहीं गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने दावा किया कि भाजपा ही जीतेगी कहा भाजपा क्षेत्र के विकास के नाम पर वोट मांग रही है।मुख्यमंत्री की स्वच्छ छवि का फायदा पार्टी को मिल रहा है।
भाजपा के दस मंत्री,कांग्रेस के चालीस विधायक-
शहडोल लोकसभा चुनाव को जीतने के लिये दोनो ही मुख्य दल अपने-अपने दावे कर रणनीति पर कार्य करने में लगे हुये हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा ने सत्ता एवं संगठन दोनो तरफ से घेराबंदी कर रखी है। सूत्रों की माने तो दस मंत्रियों को इसकी कमान अलग-अलग जगह सौंपी गयी है । जबकि कांग्रेस ने इनको घेरने के लिये अपने चालीस विधायकों को उतारा है। विदित हो कि लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं, इनमें से एक पर कांग्रेस का विधायक है । सूत्रां की माने तो कांग्रेस ने इस काम में विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिंह पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह,नागौद विधायक यादवेन्द्र सिंह, सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल, बहोरीबंद विधायक कुंवर सौरभ सिंह, व्यौहारी विधायक रामपाल सिंह, डिण्डोरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम, पुष्पराजगढ़ विधायक फुन्देलाल सिंह मार्को, केवलारी विधायक रजनीश हरवंश सिंह, पाटन विधायक नीलेश अवस्थी, जबलपुर पश्चिम विधायक तरूण भनोत और विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना, देवरी विधायक हर्ष यादव, राजनगर विधायक कुंवर विक्रम सिंह वरिष्ठ विधायक मुकेश नायक चित्रकूट विधायक प्रेम सिंह सहित डेढ़ दर्जन अन्य विधायकों को उक्त जिम्मेदारी सौंपी है।

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