आज जेल से रिहा होंगी नूपुर तलवार, गवाह की मौत

आरुषि-हेमराज डबल मर्डर केस में एक प्रमुख गवाह की मौत को लेकर सवाल उठ रहे हैं। 20 सितंबर की रात गाजियाबाद में एक बेकाबू ट्रक ने पुलिस पिकेट को तोड़ते हुए सात पुलिसकर्मियों को रौंद दिया था। इसमें सब-इंस्पेक्टर जगबीर सिंह समेत तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी, जबकि 4 पुलिसकर्मी बुरी तरह से घायल हुए थे। जगबीर सिंह इस दोहरे हत्याकांड में गवाह थे।

इस बीच, इस मामले में प्रमुख अभियुक्त नूपुर तलवार को गाजियाबाद के डासना जेल से पांच महीने बाद आज शाम तक जमानत पर छोड़े जाने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर को नूपुर को जमानत दे दी थी। डासना कोर्ट ने उन्हें 2 लाख रुपये के निजी बॉन्ड के अलावा 2-2 लाख के जमानती बॉन्ड भरने के निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि नोएडा के जलवायु विहार अपार्टमेंट के मकान में 16 मई 2008 की रात आरुषि और तलवार परिवार के नौकर हेमराज की हत्या हो गई थी। आरुषि की मां नूपुर और पिता डॉक्टर राजेश तलवार पर बेटी और नौकर की हत्या के अलावा सबूतों के साथ छेड़खानी का आरोप है। सीबीआई की विशेष अदालत के वॉरंट जारी करने के बाद पुलिस ने नूपुर को 30 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। नूपुर पर अदालत के समन को अनदेखा करने का आरोप था।

दूसरी तरफ, इस मामले में नया मोड़ तब आ गया जब सीबीआई ने अदालत को बताया कि गवाह यूपी पुलिस के सब-इंस्पेक्टर जगबीर सिंह को चार दिन पहले ट्रक ने कुचल दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई। आज जगबीर का बयान दर्ज किया जाना था। जगबीर यूपी पुलिस की उस टीम का हिस्सा थे, जिसने नोएडा के इस चर्चित हत्याकांड की शुरुआती जांच की थी। उनकी मौत से अब तक इस मामले में कुछ खास नहीं कर पाई सीबीआई की जांच प्रभावित होने की आशंका है।

 

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