अब ग्रेजुएट भी दे सकेंगे सीएसआईआर नेट

सीएसआईआर-यूजीसी नेट ने जेआरएफ और लेक्चररशिप के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। 23 दिसंबर को होने वाले नेट में ये लागू होने जा रहे हैं। खास बात ये है कि ग्रेजुएट स्टूडेंट्स अब नेट दे सकेंगे। यही नहीं, अब जेआरएफ और लेक्चररशिप के लिए अलग-अलग फार्म भरना होगा। जरनल स्टडी के सिलेबस में भी परिवर्तन हुआ है।

सीएसआईआर और यूजीसी मिलकर साल में दो बार नेट कराते हैं। अभी तक योग्यता में आवेदक की मास्टर डिग्री थी। अब इसे ग्रेजुएशन कर दिया है। नए नियमों के मुताबिक, 10+2+3 करने के बाद नेट दिया जा सकता है। बीई, बीटेक, बीफार्मा और एमबीबीएस के बाद भी आवेदन किया जा सकता है। उक्त कोर्स में सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 55 प्रतिशत, एससी और एसटी के लिए 50 प्रतिशत अंक जरूरी है। बीएससी ऑनर्स करने वाले छात्र भी पात्र हैं। फेलोशिप पीएचडी में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही मिलेगी।

दूसरा महत्वपूर्ण बदलाव ये है कि अब जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) और लेक्चररशिप के लिए अलग फार्म भरा जाएगा। इसके लिए बाकायदा अलग कॉलम दिया है। ये कवायद अलग-अलग रिजल्ट तैयार करने को लेकर है। इसके अलावा जरनल स्टडी के सिलेबस में परिवर्तन हुआ है। पहले जनरल साइंस, क्वांटेटिव रीजनिंग और एनेलेसिस तथा रिसर्च एप्टीट्यूट से सवाल पूछे जाते थे। अब जनरल एप्टीट्यूट, ग्राफिकल एनेलेसिस, ऐनालेटिकल एंड न्यूमेरीकल एबेलिटी, क्वांटेटिव कंपेरीजन से सवाल पूछे जाएंगे।

रिसर्च के बढ़ावे के लिए
सीएसआईआर ने ये कदम रिसर्च के बढ़ावे के लिए उठाया है। इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के लिए छह विषय केमिकल साइंस, अर्थ एटमॉसफेरिक ओसियन एंड प्लेनेटरी साइंस, लाइफ साइंस, मैथमेटिकल साइंस, फिजिकल साइंस और इंजीनियरिंग साइंस शामिल हैं।

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