कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल को उनकी टिप्पणी बेहद भारी पड़ी जब उन्होंने एक कवि सम्मेलन के दौरान ये कह दिया कि वक्त के साथ-साथ पत्नियों का आकर्षण भी कम हो जाता है.
उनके इस बयान की महिला संगठनों ने कड़ी आलोचना की है और इसे ‘अपमानजनक व घिनौना’ करार दिया है.
उन्होंने ये बयान कानपुर में एक कवि सम्मेलन के दौरान तब दिया जब भारत की पाकिस्तान पर जीत की खबर आई.
जब उन्होंने सम्मेलन के दौरान देखा कि लोग भारत की जीत पर उत्साहित हो रहे हैं, तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “नई-नई जीत और नई-नई शादी, दोनों का अपना ही महत्व है. जैसे-जैसे वक्त बीतता है विजय पुरानी हो जाती है. ठीक उसी तरह जिस तरह वक्त के साथ पत्नियों का आकर्षण कम हो जाता है.”
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा, “उनका ये बयान बेहद अपमानजनक है.”
आलोचना
महिला संगठनों के अलावा भाजपा ने भी उनके इस बयान की कड़ी आलोचना की और उनके कैबिनेट में बने रहने पर सवाल खड़े किए.
हालांकि कांग्रेस ने पार्टी को जयसवाल के बयान से दूर कर लिया है.
अपने बचाव में कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल ने माफी मांगते हुए कहा कि उनकी मंशा औरतों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं थी.
जयसवाल ने कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया.
लेकिन लोगों को उनकी माफी रास न आई और उनके विरोध में कई जगह उनके पुतले जलाए गए और उनके पोस्टरों पर कालिख पोती गई.
अपनी सफाई में जयसवाल ने कहा, “जब मैं कवि सम्मेलन का उद्घाटन कर रहा था, तभी खबर आई कि भारत ने पाकिस्तान को क्रिकेट मैच में हरा दिया है. तभी लोग इसका जश्न पटाखे फोड़ कर मनाने लगे. मैंने सम्मेलन को तुरंत रुकवा कर बस इतना कहा कि आप पहले इस जीत का जश्न मना लें क्योंकि जीत का जश्न को पुराना नहीं होने देना चाहिए. अगर ये जश्न पुराना हो गया तो उसका मज़ा उसी तरह कम हो जाएगा जिस तरह एक पत्नी का आकर्षण वक्त बीतने के साथ कम हो जाता है. मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया है.”
उनके इस बयान की सोशल मीडिया पर भी पूरे दिन चर्चा रही और लोग इस पर परस्पर बहस करते रहे.