आडवाणी व जोशी सहित सभी 12 आरोपियों को मिली जमानत

lal krishna adwaniलखनऊ। अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा गिराये जाने के बहुचर्चित बाबरी विध्वंस मामले में आज सीबीआई की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला दिया है। लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट ने इस मामले के सभी 12 आरोपियों को निजी मुचलके पर जमानत दी है। यह जमानत 50-50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर मिली है और इसके साथ ही अदालत ने इन आरोपियों पर आरोप भी तय कर दिये हैं। इस दौरान सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि आरोपी विवादित ढांचे के लिए गिरने के लिए जिम्मेदार नहीं है। ये नेता भीड़ को शांत करने की कोशिश कर रहे थे। आरोपियों के अधिवक्ता केके मिश्रा के मुताबिक, मुकदमे की सुनवाई प्रतिदिन चलेगी। सभी गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद उन्हें हाजिर होना पड़ेगा, हालांकि अदालत आरोपियों को बीच में भी बुला सकती है। सुरक्षा के कड़े इन्तजाम के बीच करीब 12 बजे आडवाणी अदालत में पेश हुए। अदालत के बाहर सुरक्षा के व्यापक बन्दोबस्त किए गए थे। देश-विदेश के मीडियाकर्मियों से परिसर खचाखच भरा हुआ था।
गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में 25 मई को महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, धर्मदास और डॉ सतीश प्रधान के खिलाफ आरोप तय नहीं हो सके थे। हालांकि, सतीश प्रधान को छोड़कर इनमें से कोई भी कोर्ट में हाजिर नहीं था। इस मामले अयोध्या में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, सांसद मुरली मनेाहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा और विष्णु हरि डालमिया समेत 11 नेता आरोपी हैं। इन नेताओं पर बाबरी ढांचा ढहाये जाने की साजिश रचने का आरोप है।

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