विकलांगों का पैसा हड़पने का आरोप झेल रहे केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद द्वारा संचालित डॉ. जाकिर हुसैन ट्रस्ट के कारनामे का रोज नया खुलासा हो रहा है।
खुर्शीद के ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश के कुछ ऐसे गांवों में विकलांगों को उपकरण बांटने का जिक्र किया है, जो वजूद में ही नहीं है। इसके अलावा ट्रस्ट ने विभाग को विकलांग कैंप का सत्यापन भी ऐसे अधिकारी से कराकर भेजा जहां उक्त ही सृजित नहीं है।
खुर्शीद के ट्रस्ट के फर्जीवाड़े यहीं नहीं रुके। मामले के खुलासे के बाद खुर्शीद ने अपने संसदीय क्षेत्र फर्रुखाबाद के रंगीलाल मिस्त्री को मीडिया के सामने पेश कर दावा किया कि उन्हें कैंप में सुनने वाली मशीन दिया गया था। लेकिन ऐसा दावा किया जा रहा है यह मशीन रंगीलाल को दो दिन पहले मिली।
इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने कहा कि कायमगंज के गांव पितौरा में रंगीलाल की पत्नी ने बताया कि उन्हें शनिवार, 13 अक्टूबर को मशीन मिली और रविवार को जिला कांग्रेस अध्यक्ष आफताब खां रंगीलाल को घर से दिल्ली ले गए। साथ ही एक टीवी चैनल यह भी दावा किया ट्रस्ट ने लिस्ट में जिन विकलांगों को पहले ट्राई-साइकिल मिलने का दावा किया था उन्हें अफरा-तफरी में दो दिन पहले ही यह मुहैया कराया गया।
खुर्शीद के ट्रस्ट पर लगे आरोपों के बाद आर्थिक अपराध शाखा भी सक्रिय हो गया है। उसने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के 17 स्थानों पर छापे मारे।