कैबिनेट में फेरबदल से पहले इस्तीफ़ों की लाइन

रविवार को कैबिनेट बदलाव से पहले सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी, सामाजिक न्याय मंत्री मुकुल वासनिक और पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय ने पद से इस्तीफा दे दिया है.

शुक्रवार को विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के भी पद छोड़ने की ख़बर आ गई थी.

इसके बाद शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए कृष्णा ने कहा कि वक्त आ गया है कि नौजवानों को मौका दिया जाए.

उधर अंबिका सोनी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से इस्तीफा देने की इजाजत मांगी है और इस्तीफा देने के कारणों पर चर्चा की है.

माना जा रहा है कि इस फेरबदल का मकसद है कई राज्यों और केंद्र के लिए 2014 में होने वाले चुनाव से पहले सरकार की छवि बदलने की कोशिश करना.

वैसे आलोचकों का कहना है कि छवि बदलने के नाम पर पहले भी फेरबदल हुए हैं मगर बदलाव सिर्फ नाम का ही हुआ है और नए चेहरों को महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारियों से दूर रखा गया है.

एक के बाद एक कथित घोटालों ने सरकार की छवि को धूमिल किया है. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ राजनीति में कदम रखने वाले आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने कई मुद्दों पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.

इस फेरबदल के बाद राहुल गाँधी को भी पार्टी में मज़बूत कराने की चर्चा हो रही है.

शुक्रवार शाम को कांग्रेस प्रमुख सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी. माना जा रहा है कि 2009 में विदेश मंत्री बनने वाले एसएम कृष्णा को अगले साल कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव में महत्त्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है.

विदाई भाषण

इस्तीफे के बाद शनिवार को एसएम कृष्णा ने कहा कि उनके कार्यकाल में भारत के चीन और पाकिस्तान के साथ संबंध सुदृढ़ हुए.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के भारत आने से और उनके पाकिस्तान के दौरे पर जाने से हालात में सुधार हुआ है.

कृष्णा ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि कल तक नई व्यवस्था लागू हो जाएगी और जो भी मेरी जगह लेता है मैं उसे शुभकामनाएँ देता हूँ.”

उधर सुबोध कांत सहाय ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से बात की है कि पार्टी और सरकार साथ में कैसे काम कर सकते हैं.

जब उनसे पूछा गया कि क्या इस्तीफा देने वाले मंत्रियों को संगठन से जुड़े कामों की जिम्मेदारी दी जा सकती है, तो सहाय ने कहा कि उन्हें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से ऐसी बात कही गई है.

मीडिया में राहुल गाँधी के नजदीक माने जाने वाले कई युवा नामों की चर्चा की जा रही जिन्हें सरकार में जगह या पदोन्नति दी जा सकती है. इनमें सचिन पायलट, जयराम रमेश और अजय माकन का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है.

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