चौथे दिन भी टोल प्लाजा पर भाकियू का कब्जा, महापंचायत शुरू

दिल्ली-देहरादून हाईवे स्थित सिवाया टोल प्लाजा चौथे दिन शनिवार को भी भारतीय किसान यूनियन [भाकियू] के कब्जे में रहा। वहीं, भाकियू की महापंचायत भी शुरू हो गई है। इस महापंचायत के लिए सुबह से ही मेरठ व सहारनपुर मंडल के किसान टैक्ट्रर-ट्रालियों और बस से सिवाया स्थित टोल प्लाजा पर पहुंचना शुरू हो गए हैं।

करीब 11.50 बजे टोल प्लाजा पर भाकियू मुखिया चौधरी नरेश टिकैत भी पहुंचे। उनके अलावा पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिरोही व मेरठ जिला पंचायत अध्यक्ष मंनिदर पाल भी धरने पर बैठे हुए हैं। पिछले तीन दिन से टोल प्लाजा पर भाकियू का कब्जा है और वाहनों को बिना टोल गुजारा जा रहा है।

अब तक महापंचायत में एक हजार से अधिक किसान शामिल हो चुके हैं। अभी इनकी संख्या में और भी इजाफा हो सकता है।

महापंचायत में टोल वसूली पर कुछ फैसले होने की उम्मीद है। मेरठ व मुजफ्फरनगर के डीएम भी धरना स्थल पर पहुंचे रहे हैं। एनएचएआइ के आला अफसरान भी दिल्ली से टोल के मुद्दे पर भाकियू से बात करने के लिए पहुंच रहे हैं। प्रशासन के विशेष दूत महक सिंह सुबह से किसानों के बीच में है। महापंचायत में किसानों के साथ-साथ व्यापारी वर्ग भी पहुंच रहा है। मेरठ के संयुक्त व्यापार मंडल ने पहले ही भाकियू को अपने समर्थन की बात कही है। हरियाणा व उत्तराखंड से आए भाकियू कार्यकर्ता भी शुक्रवार शाम से धरने पर जमे हैं।

गौरतलब है कि प्रशासन, एनएचएआइ अफसरों ने भाकियू नेताओं से तीन स्तरीय वार्ता की, लेकिन शुक्रवार देर रात तक भाकियू की माग पर एनएचएआइ अफसर लिखित में कुछ नहीं दे सके। समझौते के लिए पहुंचे अफसरों को वापस लौटना पड़ा। मेरठ-मुजफ्फरनगर तक टोल को लोकल करने के मुद्दे पर तीन बार वार्ता हुई, लेकिन नतीजा सिफर रहा।

वार्ता में शामिल एनएचएआइ के परियोजना निदेशक एसके मिश्रा ने मेरठ-मुजफ्फरनगर के लिए टोल को लोकल करने के मुद्दे पर हाथ खड़े कर दिए। अफसर टोल ठेकेदार के साथ हुए समझौते के अनुसार एनएचएआइ एक्ट मानने को तैयार नहीं हैं। किसानों का कहना था कि बिना लिखित समझौते के आदोलन समाप्त नहीं होगा।

इससे पहले गुरुवार को गन्ना पेराई सत्र और पर्ची वितरण को लेकर किसानों की ज्यादातर मागे प्रशासन ने माग ली थी। टोल फ्री पास के मुद्दे पर मसला शनिवार को भी अटका रहा। अब सबकी नजर शनिवार को होने वाली पंचायत पर है। भाकियू प्रमुख नरेश टिकैत के पहले ही महापंचायत में कड़ा फैसला लेने का जिक्त्र कर चुके हैं।

फ्री टोल पर अभी भी फंसा है पेच

मेरठ। चार दिन से टोल पर कब्जा जमाए बैठे किसान यूनियन के लोग महापंचायत के जरिए बड़ा फैसला ले सकते हैं। मेरठ और सहारनपुर मंडल के हजारों किसानों की मौजूदगी में होने वाली पंचायत ही आदोलन की दिशा तय करेगी। हालाकि गन्ने से जुड़ी मागें तो प्रशासन मानने के लिए तैयार हो गया है, लेकिन फ्री टोल पर पेंच फंसा हुआ है। इसके जल्द दूर होने की उम्मीद भी नहीं दिखाई दे रही है। ऐसे में आदोलन लंबा भी खिंच सकता है।

पिछले तीन दिनों से भाकियू नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में किसान सिवाया स्थित टोल प्लाजा पर अनिश्चितकालीन धरना देकर बैठे हैं। किसानों की पाच छह मागें हैं, जिनमें गन्ना मिलों को जल्द शुरू कराने, किसानों के खनन पर कोई टैक्स न लगाने की माग मुख्य है। शुक्रवार को प्रशासन से हुई वार्ता का कोई ठोस नतीजा तो नहीं निकला, लेकिन गन्ने और खनन से जुड़ी मागों पर फैसला हो सकता है। असल पेंच फंसा है तो किसानों की गाड़ियों को टोल फ्री करने पर। बताते हैं कि हाइवे के अफसरों ने टोल फ्री के मामले को मानने से इंकार कर दिया है। ऐसे में इसी मुद्दे को लेकर महापंचायत में टकराव उभरने के पूरे आसार हैं।

किसानों की मागों में किसानों को टोल फ्री का मुद्दा मुख्य है।

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