इंडिया अगेंस्ट करप्शन के अरविंद केजरीवाल ने राज्यसभा सदस्य अमर सिंह, फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन और फ्लेक्स कंपनी के मालिक एके चतुर्वेदी के खिलाफ धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के मामले वापस लिए जाने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसको एक शर्मनाक हरकत बताया है।
उन्होंने ट्विट कर कहा है कि क्या यही है हमारा कानून? अब इस देश के राजनेताओं से और ज्यादा अपेक्षा नहीं की जा सकती है। उन्होंने अपने ट्विट में कहा है कि कुछ दिन में मुमकिन है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सलमान खुर्शीद पर लगाए गए सभी मामले वापस ले लें। उन्होंने जनता से ऐसे राजनेताओं को उखाड़ फेंकने की अपील की है। उन्होंने इसके लिए युवाओं से आगे आकर काम करने की भी अपील की है। केजरीवाल ने कहा है कि इन नेताओं से उन्हें कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने भ्रष्ट नेताओं के नए मामले खोलने में भी लोगों से मदद मांगी है। उन्होंने कहा है कि जिस किसी के भी पास किसी भ्रष्ट नेता की जानकारी है तो वह हमारे पास भेजे।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने इनके खिलाफ मामले की तीन साल तक चली जांच के बाद पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी है। बीती 28 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश शासन ने आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा [ईओडब्लू] से जांच वापस लेकर उसे बाबूपुरवा क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक को सौंपी थी। पुलिस ने कहा कि मुकदमा चलाने के पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
मालूम हो कि बाबूपुरवा थाने में 15 अक्टूबर, 2009 को श्यामनगर निवासी शिवाकांत त्रिपाठी ने पूर्व सपा नेता अमर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें उनकी पत्नी पंकजा सिंह तथा फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन भी आरोपी थे। मामला दर्ज होने के एक माह के भीतर ही कानपुर पुलिस ने जांच में दिक्कतों का जिक्र करते हुए एक पत्र डीजीपी कार्यालय को भेजा था। पत्र में शासन से जांच आर्थिक अपराध शाखा [ईओडब्ल्यू] को देने का आग्रह किया गया था लेकिन सरकार ने जांच कोलकाता पुलिस को स्थानांतरित कर दी थी। कोलकाता पुलिस ने जब जांच से इन्कार कर दिया, तब उसे दिसंबर 2009 में ईओडब्लू को सौंप दिया गया।
बताया जाता है कि 28 अक्टूबर को ईओडब्लू से वापस मिली जांच में बाबूपुरवा के डिप्टी एसपी पवित्र मोहन त्रिपाठी ने 31 अक्टूबर को वादी शिवाकांत के बयान दर्ज किए और एक नवंबर [गुरुवार] को फाइनल रिपोर्ट लगा दी। इसको लेकर कानपुर के राजनीतिक गलियारे में चर्चाएं तेज हो गई हैं। एसपी [पूर्वी] रतनकांत पांडे ने कहा कि अमर सिंह पर मुकदमे के बारे में बाद में बात करूंगा।
आरोप और मामला
वर्ष 2003 से वर्ष 2007 तक सपा सरकार में उत्तर प्रदेश विकास परिषद के अध्यक्ष रहे अमर सिंह को उस समय कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था। अमर सिंह और उनकी पत्नी पर आरोप था कि उन्होंने 500 करोड़ रुपये के काले धन को सफेद करने के मकसद से कुल 55 कंपनियां रजिस्टर्ड करा ली थीं। इनमें ज्यादातर कंपनियां कोलकाता में रजिस्टर्ड हुई थीं जिनको बाद में अमर सिंह ने अपनी कंपनी पंकजा आर्ट प्राइवेट लिमिटेड में मर्ज करा लिया था। इससे उनकी कंपनी को एक माह में 500 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था।
संजय दत्त से भी मुकदमा वापस
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को फिल्म अभिनेता संजय दत्त पर चल रहे मुकदमे को भी वापस ले लिया। एक अगस्त, 2009 को संजय दत्त ने मऊ व प्रतापगढ़ की कई सभाओं में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
यह टिप्पणी उन्होंने अपनी सुपर हिट फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस के एक डायलॉग के आधार पर की थी। इसे तत्कालीन सरकार ने आपत्तिजनक मानते हुए फिल्म अभिनेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। विधि विभाग की अनापत्ति के बाद उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने इस आशय का निर्णय लिया है।