श्रीरामकथा के चतुर्थ दिवस श्रीरामलीला में आज महर्षि उत्तम स्वामी जी महाराज ने कहा कि अंतः करण शुद्ध करने का कार्य मेरे राम करते हैं स्वर्ग में देवी-देवतओं के भाग्य में जप-तप यष है लेकिन रामकथा नहीं सिर्फ इस पृथ्वीलोक में ही मनुष्य तन को भगवत कथ (रामकथा) का प्रसाद सुलभ है मनुष्य जन्म में पुण्य प्राप्ति की कुंजी रामकथा है। श्रेष्ठ कर्म करने के लिए धर्म-कर्म उपासना का वर मांगना चाहिए सांसारिक वस्तुऐं तो सुलभ हैं लेकिन धर्म-कर्म, उपासना, जप-तप सिर्फ रामकथा से संभव है
जिस घर में राम का संवाद होता है वहां शांति विश्राम होता है जहां राम का नाम नहीं वहां अषांति। अतः नवपीड़ी को संसार और आचरण में राम चरित्र जरूरी सुनाना चाहिए। एवं गुरूदेव ने कहा कि सात वार ‘‘के बाद एक वार परिवार‘‘ रखना चाहिए आपके घर से ही विष्व शांति की स्थापना होगी। षिव के आराध्य प्रभु राम हैं एवं भगवान राम के आराध्य भगवान षिव। जिस राम नाम से पत्थर तैर सकते है उस नाम को हृदय में वसा दे तो हम खुद को तार सकते हैं एवं गुरू की महिमा का वर्णन करते हुए स्वामी जी ने कहा कि ईष्वर का लिखा मिटाने का काम संत और गुरू कर सकते हैं गुरू की इतनी महिमा है। संषय जीवन का विनाष करता है राम कथा का आश्रय लेते हैं तो समस्त संषयों का नाष होता है। संत परमात्मा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
पंच तत्व जल, वायु, अग्नि, वायु और आकाष आज इनका क्षरण हो रहा है आज प्राकृतिक स्त्रोत विलुप्त हो रहे हैं लोग कहते हैं कि यह कलयुक का प्रभाव है जवकि मनुष्य जाति ने अपने आमर्यादित आचरण से इन पंचतत्वों का नाष किया है। जबकि एक धार्मिक व्यक्ति सदैव मर्यादिता और परोपकारी जीवन जीता है वह किसी को हानि नहीं पहुंचाता है। श्री गुरूचरणसिंह सेवा न्यास द्वारा आयोजित श्रीरामकथा के चर्तुथ दिवस का शुभारंभ कथा संयोजिका श्रीमति सुखप्रीत कौर, माता बलजीत कौर एवं तेजेन्दरसिंह जी सापत्नि श्रीराम चरित्र मानस एवं व्यास पीठ एवं कथा वाचक महर्षि उत्तम स्वामी जी की पूजा-अर्चना कर किया चर्तुथ दिवस की रामकथा का प्रसंग श्रीरामजन्मोंत्सव रहा जिसमें हजारों धर्मप्रेमी माता-बहने ने उत्तम स्वामी जी की मधुर वाणी का रसपान किया इस अवसर पर राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न स्वरूप बालरूप बनाये गये एवं पंडाल को अयोध्या नगरी की तरह सजाया गया। जन्मोत्सव के अवसर पर विषेष रूप से उपस्थित रहे जिला पंचायत अध्यक्ष तोरणसिंह जी दांगी, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष श्यामसंुदर शर्मा जी, पूर्व वित्तमंत्री राघवजी भाई, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष मुुरली थावरानी जी, पूर्व न.पा. अध्यक्ष ज्योति शाह जी, कांग्रेस के बरिष्ठ नेता शंषाक जी भार्गव, भाजपा युवा मोर्चा जिला मंत्राी लोचनसिंह राजपूत, श्री गोविन्द जी देवलिया, रघुवंषी युवा संगठन के पदाधिकारी, चौरसिया समाज के पदाधिकारी, डॉ. पियूष सक्सेना, मंजरी जी जैन, हरिवृद्ध आश्रम से वृद्ध जन, विजय चर्तुवेदी जी, दीपक जी तिवारी, रविकांत शर्मा, एवं व्यवस्थापक संजय प्रजापति रहे।