सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाकर घर की छत को बनाये सौर ऊर्जा का गढ़

इंदौर/नई दिल्लीः देशभर में बढ़ती बिजली की खपत ने सौर ऊर्जा उत्पादन को काफी तेजी प्रदान की हैं। सौर ऊर्जा की मांग और आपूर्ति के मद्देनजर एक बात तो साफ हो गई हैं कि यह भविष्य का सबसे ज्यादा लाभकर कारोबार होने वाला है। इस क्षेत्र में लगातार नई-नई तकनीकें भी अपनी जगह रही हैं। सौर ऊर्जा के उत्पादन में केंद्र व राज्य सरकारों की भी महत्वपूर्ण भूमिका देखने को मिली हैं। साल 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद से राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन के तहत अभी तक कुल 20 गीगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा चुका हैं, वहीं 2022 तक सरकार का लक्ष्य इस आंकड़ें को 100 गीगावॉट तक पहंचाने का है। इसके आलावा सरकार सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी लाने और प्राइवेट कंपनियों को सौर ऊर्जा संयंत्र से जुड़ने में भी अहम किरदार निभा रहीं हैं। अधिक से अधिक लोगों को सोलर सिस्टम के प्रति जागरूक करने के मकसद से सरकार ने सब्सिडी देने की सुविधा शुरू की हैं।
सरकारी सहयोग और इनोवेटिव सोच के साथ कई प्राइवेट कंपनियों ने सौर ऊर्जा के उत्पादन और नए संयंत्र लगाने की दिशा में तेजी दिखाई। इसी प्रकार दिल्ली स्थित सोलर सिस्टम की अग्रणी कंपनी ’जनरूफ़’, सौर ऊर्जा संयंत्र से आम लोगों को जोड़ने व जागरूक करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। जनरूफ़ समाज को सोलर होने के लिए प्रेरित करने के साथ देशभर की विभिन्न छतों को सोलर रूफटॉप में तब्दील करने का काम भी बखूबी निभा रही हैं। जनरूफ़ घर की छतों पर सोलर सिस्टम लगाने के साथ कम लागत में अधिक बिजली उत्पादन का दावा करती हैं।
जनरूफ के डायरेक्टर श्री प्राणेश चौधरी के मुताबिक, “उपभोक्ताओं का सबसे बड़ा क्लीन टेक ब्रांड होने के नाते हम ऊर्जा या बिजली से संबंधित किसी भी समस्या का हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने सोलर रूफटॉप लगाने के लिए देशभर की अन उपयुक्त छतों का उपयोग करना शुरू किया हैं। हम ग्राहकों की सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर संबंधी सारी समस्याओं का हल तलाशते व इसे और अधिक विश्वशनीय बनाने का प्रयास करते हैं। ज़नरूफ के बारे में और अधिक जानकारी या इसे इंस्टॉल करने के लिये आप कॉल कर सकतें हैं इस नम्बर 9205695693 पर या जा सकते हैं ीजजचेरूध्ध्ूूूण््रनदतववण्बिवउध्
इस वेबसाइट पर।“

श्री प्राणेश चौधरी बताते हैं कि, “सोलर सिस्टम लगवाने वाले ग्राहकों को सरकार की तरफ से भी सहयोग किया जाता हैं। सरकार कैशबैक सब्सिडी के रूप में ग्राहकों को मदद कर रही हैं, फलस्वरूप सोलर सिस्टम से जुड़ने वालों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिला हैं। लोगों को सोलर सिस्टम के प्रति जागरूक करने के मकसद से सरकार सोलर रूफटॉप पर आने वाली कुल लागत का 30 फीसदी सब्सिडी के रूप में देती हैं। यह रकम तीन से छह महीने के भीतर सीधे उपभोक्ता के अकाउंट में आती हैं। जिससे नए ग्राहकों के साथ धांधली होने की संभावना काफी कम हो जाती हैं।“
गौरतलब हैं कि जनरूफ सोलर रूफटॉप के साथ जुड़ना काफी आसान हैं। एक बार कंपनी में संपर्क करने के बाद आपकी छत को सोलर सिस्टम में तब्दील करने का सारा जिम्मा जनरूफ़ के विशेषज्ञों की टीम का होता हैं। कंपनी अपने ग्राहकों को पांच साल का मुफ्त मैंटीनैंस ऑफर करने का दावा करती हैं। इसके अलावा जनरूफ़ का एक प्रभावशाली एप्लीकेशन भी मौजूद हैं, जिसकी मदद से ग्राहक घर बैठे अपनी सेविंग्स और सोलर रूफटॉप से जुड़ी तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर सकते हैं। कंपनी 60 हजार रूपए प्रति किलोवॉट के उत्पादन के साथ 25 वर्षों तक बिना रुके बिजली का उत्पादन होते रहने का वादा करती हैं।

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