भारत तीसरे सबसे अमीर देश बनने के रास्ते पर
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर: पहली तीन औद्योगिक क्रांति में मौका चूकने के बाद, भारत अब अपने विशाल तकनीक-पसंद युवाओं के साथ चौथी औद्योगिक क्रांति को नेतृत्व प्रदान करने की स्थिति में है। इसके साथ ही भारत तेजी से दुनिया का तीसरा सबसे अमीर देशों में शामिल होने के रास्ते पर भी आगे बढ़ना शुरू कर चुका है। भारत की उभरती उम्मीदों पर ये बात आज भारत के सबसे अमीर उद्योगपति श्री मुकेश डी. अंबानी ने मंगलवार को कही।
वे आज यहां 24वें मोबीकॉम सम्मिट को संबोधित कर रहे थे। तेल से लेकर टेलीकॉम तक के क्षेत्रों में कार्यरत रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह के चेयरमैन अंबानी ने कहा कि वायरलेस ब्रॉडबैंड टैक्नोलॉजी को अपनाने के 24 महीने के अंदर भारत में 155वें स्थान से पहले स्थान पर आ गया है और इसके साथ ही भारत ने एक अतुलनीय और अभूतपूर्व डिजिटल बदलाव को संभव कर दिखाया है।
1990 के दशक में, जब रिलायंस अपनी तेल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल परियोजनाओं का निर्माण कर रहा था, तो भारत का सकल घरेलू उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद) 350 अरब अमेरिकी डॉलर था और यह एक गंभीर वित्तीय संकट से बाहर आया ही था।
उन्होंने कहा कि ‘‘दुनिया में बहुत कम लोगों ने सोचा था कि हमारे देश की संभावनाएं उज्ज्वल हैं। आज हमारा सकल घरेलू उत्पाद 3 ट्रिलियन अमरीकी डालर के करीब है, और भारत दुनिया के तीन सबसे अमीर देशों में से एक बनने के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।’’
सबसे अमीर भारतीय अंबानी ने कहा कि मोबाइल कंप्यूटिंग, भारत में अत्याधिक मात्रा में डेटा की खपत में प्रमुख भूमिका अदा कर रही है इसने युवा भारतीयों को नए विचारों को आगे बढ़ने के लिए उपयुक्त अवसर प्रदान किए हैं।
क्लाउड कंप्यूटिंग और नेटवर्किंग टेक्नोलॉजीज ने ब्रॉडबैंड का उपयोग एक आधारभूत सहायक के रूप में किया है जिसके चलते भारतीय उद्यमियों ने वैश्विक प्रभाव डाला है।
अगले दो दशकों में, मैं सुनिश्चित तौर पर कह सकता हूं कि भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा और वैश्विक आर्थिक विकास की अगली लहर में योगदान देगा।
उन्होंने कहा कि कोयले और भाप और बिजली और तेल द्वारा संचालित पहले दो औद्योगिक क्रांति के दौरान भारत ने मौके खो दिए और भारत ने कंप्यूटर संचालित तीसरी औद्योगिक क्रांति में औद्योगिक विकास की राह पकड़ना शुरू किया।
उन्होंने कहा कि ‘‘चौथी औद्योगिक क्रांति का दायित्व अब हमारे पर है। यह फिजिकल, डिजिटल और बॉयोलॉजिकल दुनिया के झुकाव वाली प्रौद्योगिकियों के फ्यूजन से पहचानी जाती है।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘मैं पूर्ण विश्वास से कह सकता हूं कि भारत को चौथी औद्योगिक क्रांति में भाग लेने का ना सिर्फ मौका िमला है, बल्कि ये इसमें अग्रणी भी है।’’
यह इसलिए संभव हुआ है क्योंकि आज का भारत, बीते हुए कल के भारत से पूरी तरह से अलग है। उन्होंने कहा कि ‘‘भारत की विशाल तकनीक-पसंद युवा आबादी इसकी प्रमुख ताकत है। कल्पना करें कि अरबों से अधिक दिमाग की शक्ति संयुक्त होने पर किस तरह से भारत को कनेक्टड इंटेलीजेंस प्रदान करेगी।’’
साथ ही, एक लोकतंत्र होने के नाते जो न्यायसंगत और समावेशी विकास के मॉडल पर चलता है, यह खुले तौर पर कल की डिजिटल प्रौद्योगिकियों को अपना रहा है। यह उद्यमशीलता के लिए एक समृद्ध और उपजाऊ जमीन है और दुनिया भर में सबसे तेजी से बढ़ते स्टार्ट-अप बेस के रूप में उभरा है।
उन्होंने कहा कि ‘‘आज, देश दुनिया में तीसरे सबसे बड़े प्रौद्योगिकी संचालित स्टार्ट-अप का घर है। भारत ने पहले कभी उद्यमी भावना के इस तरह के उभार को नहीं देखा है।’’
अंबानी ने कहा कि भारत को सूचना एवं डिजिटल अवेयरनेस के दौर के लिए खुद को तैयार करने की जरूरत है, इनोवेशन की तेज गति से खुद को अनुकूलित करना और बड़े पैमाने पर सहयोग करना सीखना, विचार को तेजी से इनोवेशन में बदलना, समय-समय पर शिक्षा की व्यवस्था से बदलाव करना, निरंतर सीखने का एक तरीका और नई और नई प्रौद्योगिकियों की तुलना में अधिक रोजगार के अवसर पैदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि ‘‘हमें अपने बच्चों को स्कूल से डिजिटल रूप से समझने के लिए तैयार करना है। स्कूलों को ‘चार सी’ में प्रशिक्षित करना चाहिए, जिनमें क्रिटिकल थिकिंग, कम्युनिकेशन, कोलेबरेशन और क्रिएटिविटी (महत्वपूर्ण सोच, संचार, सहयोग और रचनात्मकता) शामिल हैं। इन्हें डिजिटल दौर के भारत को निरंतर नेतृत्व प्रदान करने में सक्षम आधार बनाने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘एक पीढ़ी के भीतर, हम अपने विशाल और युवा मानव संसाधनों को सशक्त और समृद्ध कर सकते हैं ताकि भारत को दुनिया में प्रतिस्पर्धी बढ़त मिल सके।’’
उन्होंने कहा कि सरकारों, व्यवसायों और नागरिक समाज संगठनों को श्रमिकों के बड़े पैमाने पर कौशल प्रदान करने के लिए एक बेहतर ईको सिस्टम की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ‘‘अब हमारे पास वित्तीय अर्थव्यवस्था, वाणिज्य, विनिर्माण, कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के लिए सभी अर्थव्यवस्थाओं को डिजिटल रूप से पुन: पेश करने का अवसर है। भारत प्रतिस्पर्धा में छलांग लगा सकता है और इन क्षेत्रों में से प्रत्येक में दुनिया का नेतृत्व कर सकता है।’’
अंबानी ने कहा कि कृषि संरक्षण, मिट्टी प्रबंधन, सटीक खेती और कृषि उत्पादकता में वृद्धि के लिए अपशिष्ट में कमी के लिए प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करके डिजिटल ग्रीन क्रांति पैदा करने की जरूरत है।
दूसरा, भारत की युवाओं को उत्पादक एसेट बनाने के लिए अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हेल्थकेयर को सस्ती बनाने की भी आवश्यकता है।
रिलायंस जियो, उनके दूरसंचार उद्यम के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि सस्ती डेटा के साथ मुफ्त वॉयस कॉल और एसएमएस के संयोजन से उद्योग में संपूर्ण बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि फिक्सड ब्रॉडबैंड को लेकर वैश्विक रैंकिंग में भारत 134 वें स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि जियो भारत को फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड में शीर्ष 3 में लाने के लिए भी दृढ़ संकल्प कर चुका है। हमारा अत्याधुनिक डिजिटल आधारभूत इंफ्रास्ट्रक्चर देश भर में मोबाइल और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करता है, जिसमें सबसे बड़ा फाइबर फुटप्रिंट है।
उन्होंने कहा कि फाइबर कनेक्टिविटी अब घरों, व्यापारियों, छोटे और मध्यम उद्यमों और बड़े उद्यमों को प्रदान की जाएंगी और इसके साथ ही देश के 1500 शहरों में सबसे एडवांस्ड फाइबर आधारित ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी समाधान प्रदान किए जाएंगे।