धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स

कजाखिस्तान। अंतरिक्ष में करीब चार महीने से ज्यादा समय बिताने के बाद भारतीय मूल की अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स अपने दो अन्य साथियों फ्लाइट इंजीनियर जापान के अकीहिको होशिदे और रूस के यूरी मालेनचेंको के साथ सोमवार सुबह करीब 7 बजकर 30 मिनट पर सकुशल धरती पर पहुंच गई। उनका यान सोयूज टीएमए-05ए सुबह सकुशल कजाखिस्तान स्थित बैकानूर अंतरिक्ष केंद्र पर उतरा तो नासा में खुशी की लहर दौड़ गई। उन्होंने अंतरिक्ष में 127 दिन गुजारे जो किसी भी महिला अंतरिक्ष यात्री के लिए एक रिकार्ड है।

वह अपने दो साथियों के साथ 15 जुलाई को अंतरिक्ष में गर्ई थीं। अंतरिक्ष में स्पेस वाक कर उन्होंने एक नया रिकार्ड भी बनाया। इस बीच सुनीता के पिता उनसे मिलने के लिए नासा के लिए रवाना हो गए हैं।

सुनीता ने इन पांच माह में जहां भारतीय तिरंगा अंतरिक्ष में फहराया वहीं अंतरिक्ष से सभी भारतीयों को दिवाली की मुबारकबाद भी दी। उन्होंने अंतरिक्ष से अमेरिका में आए सैंडी की भयावहता भी देखी। धरती पर वापस लौटने पर सुनीता की चमक देखने लायक थी। कजाखिस्तान में उतरने के बाद उन्होंने अपने सुरक्षित लैंडिंग की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में हमारा रहने का अनुभव बेहद शानदार रहा। हमें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि हम किस तरह से यहा के वातावरण के अनुकूल ढल गए। यह बेहतरीन जगह है, जहा हम थोडे़ से प्रयास से ही हवा में तैरने लग जाते थे। मुझे लगता है कि कोई भी ऐसी जगह को छोड़ने के लिए तैयार नहीं होगा। सुनीता दुनिया की दूसरी महिला हैं जिन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन की कमान संभाली। अपनी रवानगी से पहले सुनीता विलियम्स ने औपचारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की कमान अपने सहयोगी नासा के अंतरिक्ष यात्री केविन फोर्ड को सौंप दी। वर्तमान एक्सपेडिशन 33 के बाद फोर्ड ही एक्सपेडिशन 34 के कमाडर हैं। वह 19 दिसंबर को आइएसएस पर भेजे जाने वाले तीन अंतरिक्ष यात्रियों के दल का नेतृत्व करेंगे। फ्लाइट इंजीनियर क्रिस हेडफिल्ड, टॉम मार्शबर्न और रोमन रोमनेनको को अगले अभियान के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा जाएगा।

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