तीन दिन से चार बच्चे भूखे -मानवता को चुनौती

टीकमगढ़ के पत्रकार श्री पुनीत सागर की खबर का असर –
महाराज खेत सिंह खंगार के महोत्सव मनाने बालों को चुनौती – कैंसर रोग से पीड़ित महेश खंगार के चार बच्चों के भोजन की व्यवस्था नहीं- कर्मयोगी संतोष गंगेले
जतारा जिला टीकमगढ़ 29 दिसंबर 2019 वर्तमान समय में जाति धर्म पर देश और प्रदेश में बहुत से संगठन काम कर रहे हैं समाज के उत्थान और विकास की ओर ले जाने की पुरजोर कोशिश करने में लगे हुए संगठन के लिए एक चुनौती भरा समाचार जतारा से 5 किलोमीटर दूर ग्राम सगरवारा मैं रहने वाले महेश खंगार जो कैंसर रोग से पीड़ित है अचानक उसका स्वास्थ्य 26 दिसंबर 2019 को खराब होने के कारण उसकी धर्मपत्नी अपने पति की जान बचाने के लिए किसी तरह कैंसर हॉस्पिटल भोपाल चली गई उसके घर में उसके चार बच्चे रामजी रागिनी अंजलि सतीश यह सभी बच्चे 3 वर्ष से 8 वर्ष के बीच के हैं l
यह बच्चे 2 दिन से भूखे रहने के कारण गांव की एक जांबाज बेटी कुमारी जयबती कुशवाहा द्वारा जतारा क्षेत्र के समाजसेवी मीडिया से जुड़े पुनीत सागर को इस घटना की सूचना दी जिस पर उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए मीडिया के माध्यम से चारों बच्चों की मदद करने के लिए गुहार लगाई लेकिन ना तो समाज के लोग पहुंचे और ना ही गांव के सरपंच अन्य समाजसेवियों ने की मदद की l
इस विकराल समस्या को टीकमगढ़ मीडिया ग्रुप में पढ़ने के बाद बुंदेलखंड के समाजसेवी राष्ट्रीय आदर्श शिक्षा रत्न उपाधि से सम्मानित संतोष गंगेले कर्मयोगी ने समाजसेवी पत्रकार पुनीत सागर से दूरभाष पर चर्चा करने के बाद बच्चों से मिलने का निर्णय लिया और उन्होंने 28 दिसंबर 2019 को ग्राम सगर बारा पहुंचकर बच्चों से मिले उनको साहस और धैर्य बंधाया बच्चों से हर तरह की मदद का आश्वासन दिया गांव की आटा चक्की से 25 किलो आटा और साहब जी के लिए कुछ दान देकर मदद की l
पुनीत सागर द्वारा जो शब्द ग्रुप में लिखे गए उन्होंने लिखा कि मदद की जरूरत,* रागिनी अंजलि सतीश राम जी इन बच्चों को आपकी मदद की जरूरत है इनके पिता का नाम महेश खंगार है जो कैंसर से पीड़ित है जिनको कल स्वास्थ्य विभाग की टीम इलाज के लिए ले गई है। इनकी माता का नाम सावित्री खंगार है जो पिता के साथ गई है। इनके यहां खाने के लिए गेहूं नहीं है। अब इन तीनों बच्चों को आपकी मदद की जरूरत है यह तीनों बच्चे जतारा क्षेत्र के सगरवारा निवासी है अब देखना यह है कि कौन सी सामाजिक संस्थाएं इन बच्चों की मदद करने के लिए आगे आती है।
समाजसेवी संतोष गंगेले ने भले ही अपनी कुछ मदद की है लेकिन जहां महाराज खेत सिंह जी की जयंती पर करोड़ों रुपए खर्च हो रहा है राजनेता ऊंची ऊंची आवाज़ों में भाषण देकर के समाजवाद और गरीबी मिटाने की बात करते हो वहीं पर टीकमगढ़ जिले के ही रहने वाले कैंसर रोग से पीड़ित महेश खंगार के चार बच्चे दाने-दाने को मोहताज हैं यदि इस महोत्सव में इस मीडिया की आवाज को यदि महोत्सव में उपस्थित सभी समाज बंधु दो ₹2 भी अगर इकट्ठा करते तो पीड़ित महेश खंगार की आर्थिक मदद उपचार हो जाता जो छोटे किशोर चार बच्चे हैं उनके भरण-पोषण और परिवार संचार की व्यवस्था हो जाती आज चारों बच्चे बिना माता-पिता के एक छोटे से कमरे में अपना मजबूरी में जीवन गुजारने को ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं धन्य भारत की मानवता और भारत के समाजसेवी जो सामाजिक क्षेत्र में कार्य करते हैं समाजसेवी बनते हैं लेकिन वह ऐसे पीड़ित परेशान परिवारों की मदद करने आगे नहीं आते हैं उनको जरूर आना चाहिए और जाति धर्म से हटकर के मानव सेवा करने के लिए सभी को संकल्प लेना चाहिए समाजसेवी संतोष गंगेले के कार्यों की समूचे क्षेत्र में सराहना हो रही है और उन्होंने जो नजीर पेश की है उसका उदाहरण समूचे बुंदेलखंड क्षेत्र में जाना चाहिए

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